प्रतीपगमन
10
( Regression)
दीर्घ – उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)
प्रश्न 81. ‘प्रतीपगमन’ की परिभाषा दीजिये | यह सह-सम्बन्ध से किस प्रकार भिन्न है ? प्रतीपगमन की उपयोगिता लिखिये |
Define the term ‘Regression’. How does it differ from correlation? Discuss the utility of regession.
अथवा
प्रतीपगमन के तथ्य से आप क्या समझते हैं? आर्थिक अनुसन्धानों के क्षेत्र में इसका महत्व बताइये।
What do you understand by the term ‘regression’? State its utility in the field of economic enquiries.
अथवा
• प्रतीपगमन की व्याख्या कीजिये । आर्थिक व सांख्यिकीय विश्लेषण में इसकी उपयोगिता बताइये ।
Explain the concept of regression and state its utility in economic and statistical analysis..
अथवा
सह-सम्बन्ध गुणांक तथा समाश्रयण गुणांक में भेद कीजिये तथा उनकी उपयोगिता का विवेचन कीजिये |
Distinguish between correlation coefficient and regression coefficient and discuss their usefulness.
उत्तर- ‘प्रतीपगमन’ शब्द का अर्थ है पीछे हटना या वापस लौटना | दो सम्बन्धित श्रेणियों में किसी श्रेणी के एक निश्चित मूल्य के आधार पर दूसरी श्रेणी के एक तत्संवादी मूल्य का सर्वोपयुक्त अनुमान लगाने की तकनीक प्रतीपगमन (regression) कहलाती है। दूसरे में, इस तकनीक द्वारा एक चर के किसी ज्ञात मूल्य से सम्बन्धित दूसरे चर का सम्भावित मूल्य ज्ञात किया जा सकता है। एम. एम. ब्लेयर के शब्दों में, “मूल इकाइयों के रूप में दो या दो से अधिक चरों के पारस्परिक औसत सम्बन्ध के माप को प्रतीपगमन कहा जाता है।”
सांख्यिकीय विश्लेषण में प्रतीपगमन के सिद्धान्त को प्रतिपादित करने का श्रेय सर फ्रांसिस गाल्टन को है, जिन्होंने सर्वप्रथम अपने शोध लेख में स्पष्ट किया था कि सामान्यत: व्यक्तिगत ऊँचाइयों का झुकाव औसत ऊँचाइयों की ओर होता है। अनेक शोध लेख के आधार पर ही प्रो. गाल्टन ने यह स्पष्ट करने का प्रयत्न किया कि यद्यपि पिता-पुत्रों की ऊँचाई में परस्पर घनिष्ठ सह-सम्बन्ध है तथापि सामान्य माध्य से दोनों के विचलनों में पर्याप्त अन्तर पाया जाता है। इसके साथ ही गाल्टन ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि पिताओं की ऊँचाइयों की अपेक्षा पुत्रों की ऊँचाइयाँ औसत के अधिक निकट होती हैं। इस प्रवृत्ति को ‘वापस जाना’ या ‘प्रतीपगमन’ कहते हैं। ‘प्रतोप-गमन’ को ‘समाश्रयण’ भी कहा जाता है।
[106]
wwww
प्रतीपगमन की उपयोगिता एवं महत्व (Utility and Importance of Regression)
प्रतीपगमन / 107
वर्तमान युग में आर्थिक अनुसन्धान एवं व्यावसायिक क्षेत्र में प्रतीपगमन की उपयोगिता अत्यधिक बढ़ गई है। इसके महत्व को निम्न बिन्दुओं से जाना जा सकता है(1) प्रतीपगमन के आधार पर आर्थिक, सामाजिक एवं व्यावसायिक दोनों में एक पद मूल्य पर आधारित दूसरा आश्रित मूल्य ज्ञात किया जाता है।)) (2) इस तकनीक के आधार पर उचित व्यावसायिक निर्णय लेना सरल हो जाता है
तथा उस निर्णय को व्यावहारिकता की कसौटी पर रखा जा सकता है।
(3) प्रतीपगमन विश्लेषण की सहायता से चर मूल्यों में सह-सम्बन्ध की मात्रा व दिशा का पता लगाया जा सकता है। प्रतीपगमन की रेखायें जितनी एक-दूसरे की ओर झुकी हुई होती हैं, चरों में उतनी ही अधिक सह सम्बन्ध की मात्रा मानी जाती है।
(4) यदि दोनों रेखायें एक-दूसरे को ढंक लेती हैं तो दोनों श्रेणियों में पूर्ण सह-सम्बन्ध होता है। एक-दूसरे को यदि ये समकोण पर काटती हैं तो सह-सम्बन्ध शून्य (0) होता है। जब दोनों रेखायें नीचे से ऊपर बायें से दायें उठती हैं तो सह-सम्बन्ध धनात्मक और यदि रेखायें ऊपर से नीचे आती हैं तो सह-सम्बन्ध ऋणात्मक होता है।
(5) इसकी सहायता से व्यावसायिक पूर्वानुमान लगाये जा सकते हैं। वालिस तथा रोबर्ट्स के शब्दों में, “प्राय: यह मालूम करना अधिक महत्वपूर्ण होता है कि दो घटनाओं में वास्तविक सम्बन्ध क्या है जिससे चर मूल्य (स्वतन्त्र चर मूल्य) के ज्ञात होने पर दूसरे चर मूल्य (आश्रित) का पूर्वानुमान लगाया जा सके। इस प्रकार की स्थिति में प्रयुक्त की जाने वाली उपर्युक्त सांख्यिकीय रीति, प्रतीपगमन विश्लेषण कहलाती है।”
सह-सम्बन्ध और प्रतीपगमन में अन्तर
(Difference between Correlation and Regression)
1. सम्बन्ध की मात्रा व प्रकृति का अन्तर- सह-सम्बन्ध से हमें दो या अधिक चरों में परस्पर सम्बन्ध की मात्रा ( degree) का पता चलता है जबकि प्रतीपगमन इस सम्बन्ध की प्रकृति स्पष्ट करता है और यह बतलाता है कि एक चर के औसत मूल्य के तत्संवादी दूसरे चर का सम्भाव्य औसत मूल्य क्या होगा?
2. कारण – परिणाम सम्बन्ध – चर मूल्यों के कारण – परिणाम सम्बन्धों का सहसम्बन्ध विश्लेषण अधिक स्पष्ट करता है परन्तु दोनों में कौन-सा कारण और कौन-सा परिणाम है, यह सह-सम्बन्ध से मालूम नहीं पड़ता। इसके विपरीत, प्रतीपगमन विश्लेषण में एक चर को स्वतन्त्र मानकर दूसरे आश्रित चर का मूल्य ज्ञात किया जा सकता है। इस प्रकार स्वतन्त्र चर कारण होता है और आश्रित चर परिणाम। –
प्रश्न 82. प्रतीपगमन रेखायें क्या हैं? प्रतीपगमन रेखायें दो क्यों होती हैं? प्रतीपगमन रेखाओं के कार्य लिखिये |
What are regression lines? Why there are two regression lines? Discuss the functions of regression lines.
अथवा
प्रतीपगमन, रेखायें दो क्यों होती हैं? किन परिस्थितियों में केवल एक ही प्रतीपगमन रेखा हो सकती है?
Why are there two regression lines? Under what conditions can there by only one line?
108
यशराज सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष ) :
उत्तर
प्रतीपगमन रेखाओं का अर्थ
(Meaning of Regression Lines)
दो चर मूल्यों में रेखीय सम्बन्ध उस समय माना जाता है जब स्वतन्त्र चर मूल्य में एक इकाई के परिवर्तन पर आश्रित चर मूल्य में एक निश्चित परिमाण में परिवर्तन हो । दो सम्बन्धित श्रेणियों के चर मूल्य को बिन्दु रेखा-पत्र पर अंकित करने से एक विशेष चित्र तैयार होता है। इस चित्र पर अंकित बिन्दुओं के मध्य से गुजरती हुई दो सर्वोत्तम रेखायें खींची जाती हैं। ये रेखाएँ ही प्रतीपगमन रेखायें कहलाती हैं।
दूसरे शब्दों में, “एक चर मूल्य से दूसरे चर मूल्य का पूर्वानुमान करने में प्रयुक्त विधि में एक रेखा, जो प्रांकित बिन्दुओं के मध्य इस प्रकार खींची जाती है कि दोनों चरर मूल्यों के मध्य औसत सम्बन्ध का प्रदर्शन करें का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की रेखा को प्रतीपगमन रेखा कहते हैं।”
प्रतीपगमन की दो रेखाएँ क्यों? (Why there are two
Regression Lines)? मूलत: प्रतीपगमन की दो रेखाएँ होती हैं, इसके वास्तव में दो कारण हैं(1) यदि प्रतीपगमन विश्लेषण के लिए दो चरों X तथा Y को लिया जाता है, तो दो . प्रतीपगमन रेखाएँ होती हैं, एक रेखा X का Y पर प्रतीपगमन होती है तथा दूसरी रेखा Y का X पर प्रतीपगमन होती है। X की Y पर प्रतीपगमन रेखा की रचना Y के दिये गये मूल्यों के . लिए X के सर्वोचित मूल्यों को ज्ञात करके की जाती है, तथा Y की X पर प्रतीपगमन रेखा की रचना X के दिये गये मूल्यों के लिए Y के सर्वोचित मूल्य को ज्ञात करके की जाती है। ये दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ दोनों चरों के मध्य औसत सम्बन्ध दर्शाती हैं। यदि दोनों चरों के मध्य पूर्ण सह-सम्बन्ध (धनात्मक अथवा ऋणात्मक, अर्थात् +1) होता है तो दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ एक-दूसरे को ढँक लेती हैं, अर्थात् दोनों रेखाएँ एक ही रेखा का स्वरूप प्राप्त कर लेती हैं। दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ एक-दूसरे को X तथा Y चर मूल्यों के माध्यों पर काटती हैं अर्थात् उनके कटान – बिन्दु से भुजाक्ष (X – axis) पर लम्ब डाला जाये तो वह भुजाक्ष (X. axis) के X माध्य-मूल्य पर स्पर्श करेगा तथा इस प्रकार कोटि-अक्ष (Y – axis) पर लम्ब डालने पर वह कोटि-अक्ष (Y – axis) को Y के माध्य मूल्य पर स्पर्श करेगा। ये रेखाएँ एकदूसरे के जितने निकट होंगी, X तथा Y श्रेणियों के मध्य सह-सम्बन्ध की मात्रा उत अधिक होगी।
(2) दूसरा एक कारण और है कि इन रेखाओं की रचना ‘न्यूनतम वर्ग रीति’ की इस मान्यता पर की जाती है कि ‘खींची जाने वाली रेखा ऐसी होनी चाहिए कि जिससे विभिन्न बिन्दुओं के विचलनों के वर्गों का योग न्यूनतम हो ।’ यहाँ यह ध्यान रहे, विभिन्न बिन्दुओं के विचलन वर्गों का योग केवल सर्वोपयुक्त रेखा से ही न्यूनतम हुआ करता है। यह रेखा या बिन्दुओं से सर्वोपयुक्त रेखा तक के विचलनों का माप दो ढंग से किया जा सकता है – प्रथम लम्बवत् रूप में (Vertically) एवं दूसरा क्षैतिज रूप में (Horizontalty) चूँकि दोनों तरह के विचलनों के वर्गों के अलग-अलग योग न्यूनतम बनाए रखने के लिए दो रेखाओं का होना आवश्यक है।
एक ही रेखा होने का अपवाद (Exception of Single Line)
सामान्यतया प्रतीपगमन रेखाएँ दो ही होती हैं, किन्तु पूर्ण सह-सम्बन्ध अर्थात् यदि r = 0 हो, अर्थात् दोनों चर मूल्य स्वतन्त्र हों, तो दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ एक-दूसरे को
800
प्रतीपगमन / 1015
समकोण पर काटेंगी अर्थात् वे एक-दूसरे को ढँक लेती हैं। OX तथा OY के समानान्तर होगी। निम्न चित्र में इसे दर्शाया गया हैRegression Lines and Degree of Correlation
ZEEKK 7. 0 ४ ” ysx Y x yfx X.
xsy
More Degree clr Lees Degree orr
प्रतीपगमन रेखाओं की रचना न्यूनतम वर्ग की मान्यता (Least Squares Assumption) के आधार पर की जाती है।
• प्रश्न 83 प्रतीपगमन समीकरण का अर्थ समझाइये । प्रतीपगमन समीकरण दो क्यों होने चाहिए ?
Explain the meaning of the regression equation. Why should these be two regression equations.
उत्तर- प्रतीपगमन समीकरण (Regression Equation)
प्रतीपगमन समीकरण प्रतीपगमन रेखाओं की बीजगणित अभिव्यक्ति को कहते हैं। चूँकि दो प्रतीपग़मन रेखाएं होती हैं, अतः दो प्रतीपगमन समीकरण बनते हैं
(i) x का y पर प्रतीपगमन समीकरण (Regression Equation of X upon Y)- इसकी सहायता से y के दिये हुए मूल्यों के तत्संवादी x का सर्वोत्तम समानान्तरण माध्यम ज्ञात किया जा सकता है तथा रेखाचित्र पर इसके मूल्य को अंकित करने से x की y पर प्रतीपगमन रेखा तैयार हो सकती है। समीकरण मूल रूप में निम्न प्रकार है
x = a + by
(ii) y का x पर प्रतीपगमन समीकरण (Regression Equation of Y upon X) – इसके द्वारा x के तत्संवादी y के सर्वोत्तम मूल्य की गणना की जा सकती है तथा y की x पर प्रतीपगमन रेखा प्राप्त की जा सकती है। इसका समीकरण निम्न है
y = a + bx
उपर्युक्त समीकरणों में दिये गये a और b के मूल्यों को स्थिर (Constants) कहते हैं अर्थात् इनके मूल्य निश्चित होते हैं। प्रथम स्थिर ‘a’ से x = 0 होने पर x के मूल्य का बोध होता है। इसे अवरोध भी कहा जाता है । ‘b’ के मूल्य से प्रतीपगमन रेखा के ढलाव (Scope) का ज्ञान होता है। इसके साथ ही यह हमें x में एक इकाई परिवर्तन के लिए y में होने वाले परिवर्तन के माप का ज्ञान कराता है। इसे x पर y का प्रतीपगमन गुणांक भी कहते हैं तथा इसे ‘byx’ द्वारा व्यक्त किया जाता है। यदि हमें ‘a’ और ‘b’ का मूल्य ज्ञात हो तो x के किसी भी दिये हुए मूल्य के लिये y का मूल्य सरलता से निकाला जा सकता है। ‘a’ और ‘b’ के मूल्य नीचे दिये गये दो सामान्य समीकरणों की सहायता से ज्ञात किये जा सकते हैं
E (Y) = Na + bEy;
E (xy) = a£x + b2x2
Y
WA
/ यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष ) .
बीजगणितीय दृष्टि से a के माप को निम्न प्रकार से भी प्रकट किया जा सकता हैRegression equation of x upon y = ( x = a + by) में a = y – b
f
Regression equation of y upon x = (x = a + by ) में a = y – bx इसी प्रकार, बीजगणितीय दृष्टि से ‘b’ के मूल्य को सह-सम्बन्ध गुणांक, विचलन के समान्तर माध्यों के रूप में निम्न प्रकार से प्रकट किया जा सकता है – प्रमाप OX Regression equation of x upon y में – bxy = r OX Regression equation of y upon x में- byx = r oy y उपर्युक्त सूत्रों में x तथा y दोनों श्रेणियों में समानान्तर माध्य ax एवं ay क्रमश: x और y श्रेणियों के प्रमाप विचलन तथा r सह-सम्बन्ध गुणांक के लिये प्रयुक्त हुआ है। इस आधार पर प्रतीपगमन के दोनों समीकरणों को निम्नलिखित प्रकार से प्रयुक्त किया जा सकता है – (i) x का y पर प्रतीपगमन समीकरण (Regression equation of x upon y)x = a + b y x = = (x – b ý ) + by
x – – x = b1 (y – 7 ) – x – x = by – b y: OX x – x = r (y – 7 ) (ii) y का x पर प्रतीपगमन समीकरण (Regression equation of y upon x)y = a + bx v = (y – b x) + bx
y – y = bx – b x प्रतीपगमन समीकरणों का प्रयोग y – y = b2 (x – x) y – y = r OX (x – 7 )
जब x का y पर अथवा y का x पर सर्वोपयुक्त मूल्य ज्ञात करना हो तो इन दोनों समीकरणों के प्रयोग की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, इन समीकरणों का प्रयोग तभी करना चाहिए, जबकि प्रश्न में x, y, ox, oy तथा r मूल्य दिये हों।
प्रश्न 84. आर्थिक अनुसन्धान के क्षेत्र में प्रतीपगमन विश्लेषण का महत्व बताइये। तथा प्रतीपगमन रेखाओं के कार्य लिखिये। State the utility of regression analysis in the field of economic enquiries and write the functions of regression lines.
अथवा
प्रतीपगमन विश्लेषण के प्रयोग क्या हैं? प्रतीपगमन रेखाओं के कार्य लिखिए। What are the uses of regression analysis? Write the functions of regression lines.
उत्तरप्रतीपगमन से आशय (Meaning) [ इस हेतु पिछले प्रश्न क्रमांक 79 का उत्तर देखें। ] प्रतीपगमन विश्लेषण का महत्व (Importance) [ इस हेतु पिछले प्रश्न क्रमांक 77 का उत्तर देखें। ]
i
:
प्रतीपगमन / 11\15
प्रतीपगमन रेखाओं के कार्य
(Functions of Regression Lines ) प्रतीपगमन रेखाओं के दो महत्वपूर्ण कार्य होते हैं
1. सर्वोपयुक्त मूल्य का अनुमान लगाना – उपर्युक्त विश्लेषणों से स्पष्ट हो चुका है कि इन रेखाओं की सहायता से एक स्वतन्त्र चर के दिये हुए मूल्य के आधार पर आश्रित चर का सम्भावित सर्वोत्तम मूल्य ज्ञात किया जा सकता है। X की Y पर प्रतीपगमन रेखा से X का तथा Y की X पर प्रतीपगमन रेखा से Y का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त किया जाता है।
2. सह-सम्बन्ध की दिशा एवं मात्रा का ज्ञान – प्रतीपगमन रेखाओं की सहायता से दो चरों के बीच सह-सम्बन्ध की दिशा एवं मात्रा का ज्ञान निम्न प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है-
(i) धनात्मक सह-सम्बन्ध – जब दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ चित्र में बाँये से दाँयें ऊपर की ओर बढ़ती हुई रेखाएँ होती हैं तब दोनों चरों में धनात्मक सह-सम्बन्ध होता है।
(ii) ऋणात्मक सह-सम्बन्ध – जब दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ चित्र में बाँयें से दाँयें नीचे की ओर गिरती हुई रेखाएँ होती हैं तो दोनों चरों X एवं Y में ऋणात्मक सह-सम्बन्ध होता है।
(iii) पूर्ण सह-सम्बन्ध – जब विक्षेप चित्र में अंकित विभिन्न बिन्दु एक सीधी रेखा के रूप में होते हैं तथा दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ एक-दूसरे को ढँककर एक रेखा हो जाती है, तथा दोनों चरों X Y में पूर्ण सह-सम्बन्ध होता है। पूर्ण सह-सम्बन्ध का गुणांक +1 अथवा – 1 होता है।
(iv) सह-सम्बन्ध का अभाव – यदि दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ एक-दूसरे को 90° के कोण पर काटती है तो दोनों चरों X एवं X में सह-सम्बन्ध का अभाव होता है | सह-सम्बन्ध का अभाव होने पर सह-सम्बन्ध का गुणांक शून्य (0) होता है।
प्रश्न 85 प्रतीपगमन गुणांक क्या है ? इनकी गणना किस प्रकार की जाती है? What are regression co-efficient ? How are they calculated?
प्रतीपगमन गुणांक
उत्तर
(Regession Coefficient)
दो सम्बन्धित श्रेणियों का प्रतीपगमन विश्लेषण करते समय उनके दो प्रतीपगमन गुणांक भी निकाले जाते हैं।
प्रतीपगमन गुणांक वह अनुपात है जो यह बतलाता है कि स्वतन्त्र चर के श्रेणी में 1 इकाई का परिवर्तन होने पर आश्रित चर के मूल्यों में औसतन परिवर्तन की दर क्या होगी? वास्तव में, प्रतीपगमन गुणांक, प्रतीपगमन रेखा की ढाल ( Slope of the Regression Line) होता है ।
प्रतीपगमन समीकरणों के समान प्रतीपगमन गुणांक भी दो प्रकार के होते हैं(1) X का Y पर प्रतीपग़मन गुणांक (Regression Coefficient of X on Y)
यह गुणांक X का Y का प्रतीपगमन रेखा के ढाल की मा है बतलाता है कि Y में 1 इकाई का परिवर्तन होने पर X में कितना परिवर्तन होगा। इसके लिए bxy चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। इसके माप का सूत्र है
bxy = ‘
= r
0.
10-2 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष ) इस गुणांक के रूप में X का Y पर प्रतीपगमन समीकरण निम्न प्रकार से लिखा जाता हैX – X = bxy (Y – Ÿ ) यहाँ byx Y का X पर प्रतीपगमन गुणांक का सूत्र हैGy byx = r Gx (2) Y का X पर इस गुणांक Ox = 1 Gy है।
इस रूप में प्रतीपगमन समीकरण निम्न प्रकार से लिखा जाता है –
(Y – 7 ) = bxy (X – X )
वास्तविक मूल्यों के आधार पर प्रतीपगमन गुणांक का सूत्र X का Y का प्रतीपगमन गुणांक
Gy
bxy =
यहाँ byx = r
NEXY – (EX) (£Y) NEY? – (EY) 2
Y का X पर प्रतीपगमन गुणांक
NEXY – (£X) (LY)
NEY’ – (EY)?
प्रश्न 86.
2. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिएWrite a short note on the following: 1. न्यूनतम वर्ग रीति द्वारा प्रतीपगमन समीकरण । Regression equation by least square method. प्रतीपगमन समीकरण की विशेषताएँ। Characteristics of regression equation.
उत्तर
(1) न्यूनतम वर्ग रीति द्वारा प्रतीपगमन समीकरण (Regression Equation by Least-square Method) x कीy पर प्रतीपगमन समीकरण y की x पर प्रतीपगमन समीकरण
x – x = r = (y – 7)
y-y =r—(x-x)
OX
r Vbay x by pa
OX
oy. Gy जहाँ, x = x श्रेणी का समानान्तर माध्य, y = y श्रेणी का समानान्तर माध्य, r = सह-सम्बन्ध गुणांक, 0x = x श्रेणी का प्रमाप विचलन, Gy = y श्रेणी का प्रमाप विचलन। नोट- इस समीकरण का प्रयोग तभी किया जा सकता है, जब प्रश्न में Ox, Oy, X, V r तथा x एवं y में से कोई एक मूल्य देकर दूसरा मूल्य अनुमानित करने को कहा गया है। . (2) प्रतीपगमन गुणांक की विशेषताएँ 1. दो प्रतीपगमन गुणांकों का गुणोत्तर माध्य सह-सम्बन्ध गुणांक होता है, जैसे
=
प्रतीपगमन / 1115
2. दो प्रतीपगमन गुणांकों (bxy व byx) का मूल्य अलग-अलग 1 (unity) से अधिक नहीं हो सकता है। अर्थात्
bxy x byx
≤1
3. bxy तथा byx का समान्तर माध्य सह-सम्बन्धं गुणांक के बराबर या उससे बड़ा होता है। अर्थात्
bay + bpx xy
21
4. प्रतीपगमन गुणांक मूल (original) के प्रति स्वतंत्र होते हैं, परन्तु पैमाने (scale) के प्रति नहीं।
2
क्रियात्मक प्रश्न (Practical Questions )
विद्यार्थी विशेष ध्यान दें
1. सह-सम्बन्ध ज्ञात करने के लिए किसी भी विधि का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन कार्ल पियर्सन की विधि सर्वाधिक उपयुक्त होती है। परीक्षा में अधिकतर यही विधि पूछी जाती है।
2. यदि स्पष्ट रूप से विधि का उल्लेख हो तो उसी विधि से प्रश्न हल करना चाहिए लेकिन कुछ भी न दिया हो तो कार्ल पियर्सन की विधि का प्रयोग करना चाहिए।
3. विद्यार्थी प्रश्न पढ़कर सर्वप्रथम यह तय कर लें कि किन दो पदों के बीच सहसम्बन्ध निकालना है? क्या वे दोनों पद प्रश्न में उपलब्ध हैं? यदि नहीं तो पहले उन्हें ज्ञात करना चाहिए। जैसे- जनसंख्या का घनत्व व मृत्यु दर में सह-सम्बन्ध निकालना है लेकिन , प्रश्न में कुल जनसंख्या, मृतकों की संख्या व क्षेत्रफल दिया है तो निम्न प्रकार से दोनों पद निर्धारित करेंगे
कुल जनसंख्या क्षेत्रफल
जनसंख्या का घनत्व
मृतकों की संख्या
=
मृत्यु दर =
कुल जनसंख्या
ध्यान रहे जन्म दर व मृत्यु दर 1000 पर निश्चित होते हैं। 4. अन्य अज्ञात पद 100 अर्थात् प्रतिशतों पर निर्भर करते हैं,, जैसे
(i) खेलने की प्रवृत्ति या आदत =
(ii) अंधत्व
अंधों की संख्या
× 1000
खिलाड़ी (नियमित)
कुल संख्या
x100
कुल
x100
(iii) साक्षरता =
साक्षर
– X100 इत्यादि।
कुल
5. प्रश्न हल करने में सर्वाधिक समस्या कल्पित माध्य (Assumed mean) के चयन में आती है। अत: इसका चयन करने के लिए कुल संख्या में पदों की संख्या का
1
1
1014 / यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष )
देने पर आई संख्या को आधार मानकर विचलन लेना चाहिए। जैसे पदों की संख्या 10 रु 480 व कुल संख्या (योग) 480 है तो हो तो केवल पूर्णांक मानना चाहिए। 10 3 48 को A मान लेना चाहिए। यदि भागफल में
नोट- कभी-कभी परीक्षा में A का मान दिया होता है तब उसे ही आधार मानना चाहिए। 6. वैसे तो प्रश्न का स्वरूप देखकर व सूत्र की माँग के अनुसार तालिका बनानी चाहिए लेकिन अधिकांश प्रश्नों के हल के लिए निम्न तालिका उपयुक्त रहती हैS.No. (यदि हो तो) (x) (dx) (dx) (v) (dy) (dy) (dxdy) 7. कभी-कभी सह-सम्बन्ध के साथ ही सम्भाव्य विभ्रम (Probable Error) एवं प्रमाप विभ्रम (Standard Error) भी पूछी जाती है अतः इनके निम्न सूत्र भी याद रखना चाहिए
सम्भाव्य विभ्रम (Probable Error) P. E = 6745
1- re
(i)
√N
प्रमाप विभ्रम (Standard Error) SE. =
1-“”
(ii)
प्रश्न 87.
x एवं y के निम्नलिखित मूल्यों का सह-सम्बन्ध गुणांक निकालिए
68 79 89 59 69 136 123 108 107 137 156 112 Find the coefficient of correlation between X and Y variables for 125
78
√N
97
X:
y:
the data given below :
61
हल- x में 69 व y में 112 में कल्पित माध्य मानिये।
X-Series 3 S.No. 1 7 8 n = 8 x 78 89 97 69 59 79 68 61 d.x (69) 9 -10 -8 Edx = +48 Edx2 d. x. 81 400 784 0 Edxdy100 100 Ed.x2 = 1530 n (£dx) 2 [][ 125 137 156 112 107 136 123 108 £dx x Edy ) n Edy 2 y-Series dy(112) 13 -5 24 11 Edy = 108 (Edy) 2 n dy2 = 169 625 1936 25 576 121 Edy 2 = 3468 Edxdy 117 500 1232 0 50 240 -11 32 Edxdy = 2160
48 x 108
2160.
प्रतीपगमन / 115
1530
(108)²
3468
8
8
(48)² 8
1=
2160-648
√(1530-288) (3468-1458)
1512
r=
√(1242-2010)
1512
r =
√2496420
1512
= 0.96
1 =
1581
x एवं y के बीच उच्च श्रेणी का धनात्मक सह-सम्बन्ध है।
X: 17
Y: 12
Ans. r = 0.96
प्रश्न 88. निम्नलिखित आँकड़ों से X एवं Y चरों में सह-सम्बन्ध गुणांक ज्ञात कीजिए
Find the coefficient of correlation between X and Y variables for the data given below:
18 19 19 20 20 21 16 14 11 15 19 22
हल (Solution) :
21 22 23
16 15 20
मूल्यों के वर्ग के आधार पर ( बिना विचलन ज्ञात किये अथवा कल्पित माध्य शून्य लेकर) गणना करेंगे
17 18 19 19 20 20 21 21 22 23 Total = 200 r= x2 289 324 361 361 400 400 441 441 484 529 4,030 X Y 12 16 14 11 15 144 256 196 121 225 361 484 256 225 400 2,668 16 15 20 160 NEXY – ( EX ) ( EY) √N£X° – (£X): × √N£Y± – (EY) 2 3 XY 204 288 266 209 300 380 462 336 330 3,235
116 / यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष )
10 × 3,235 – 200 x 160
10 × 4,030 – (200)± × √10 × 2,668 – (160) 2
32,350-32,000
40,300-40,000 x √26,680-25,600
350
350
= +.614
√300 x√1,080 17.32 × 32.86 569.1352
350
Ans. +.614
प्रश्न 89. निम्नलिखित सारणी से कुल जनसंख्या तथा उनमें जो पूर्णत: या आंशिक रूप में अन्धे हैं। उनका वितरण दिया गया है। आयु एवं अन्धेपन में सहसम्बन्ध ज्ञात कीजिए
The distribution of population and fully or partially blind persons are given in the table. Find out correlation between age and blindness :
आयु (वर्ष मे) व्यक्तियों की संख्या हजार में
0-10 10-20 20-30 30-40 40-50 50-60 60-70 70-80 100 60. 40 36 24 3 11 6
अन्धे लोगों की संख्या 55
40 40
हल- इस प्रश्न में आयु को x एवं अन्धत्व को y श्रेणी का मानेंगे, यहाँ पर आयु ग्रुप दिया हैं इसलिए m.v. ज्ञात करके x श्रेणी बनायेंगे।
x = 5, 15, 25, 35, 45, 55, 65, 75
y श्रेणी के लिये अंधों की संख्या प्रति 100 हजार निम्न सूत्र से ज्ञात करेंगे
अंधे x 100
जनसंख्या
55 x 100 100 40 x 100 40
55
= 100
36
36 x 100
= 150
40
22
18
40 x 100 60
= 111
24-*
15
= 67
18 x 100
S.No.
dx ( 45 )
5
15
400
-40
25
-30
3
-20
40 x 100
36
-= 300
X
2
22 x 100
= 200
11.
15 x 300
6
y श्रेणी होगी – 55, 67, 100, 111, 150, 200, 300, 500
अतः
x Series
dx²
1,600
= 500
900
3
y Series
dy (150) dy²
67
Edxdy
-95
3,800
y
55
2,490
9,025
6,889
100
-83
1,000
-50
2,500
5 8 n = 8 35 45 55 65 75 -10 0 +10 +20 +30 £dx = |£dx2 = n = 8 | £dy = £dy 2 = | £dxdy = = -40 4,400 283 1,67,435 21,680 (काप्रतीपगमन / 117 -39 390 0 500 3,000 10,500 100 111 0 150 100 200 400 300 900 500 50 2,500 150 22,500 350 1,22,500 1,521 0
(£dx x Edy )
Edxdy –
n
r =
(Edx) 2
Edy 2
Edx 2
(Edy) 2
n
n
21,680
( – 40 x 283)
r =
8
4400
(40) ²
1,67,435
(28) ²
8
r=
8
21,680-(1415)
4400
1600
1,67,435
80089
21,680-1,415
r= √(4,400-200) (1,67,435-10,011)
Y=
23,095
√(4,200 x 1,57,424)
23,095
1 =
25,710
= +0.898
हल (Solution) :
दिया हुआ है – N = 10,
8
-; r = +0.898
Ans. + 0.898
A: B: r प्रश्न 90. निम्न समंकों से वास्तविक माध्य 52 (A -श्रेणी) तथा 44 (B-श्रेणी) से विचलन लेते हुए कार्ल पियर्सन का सह-सम्बन्ध गुणांक ज्ञात कीजिएCalculate the Karl Pearsons coefficient of correlation : 44 46 46 48 52 54 54 56 60 60 36 40 42 40 ? 44 46 48 50 52 Take deviations from actual mean 52 and 44 respectively.
प्रश्न की B श्रेणी में एक पद का मूल्य अज्ञात है। अतः पहले उसे ज्ञात करेंगे। माना अज्ञात मूल्य a है.
Xp = 44
118 / यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष )
अतः
ΣΧ
N
X B
EX = N X = कुल योग
⇒44 x 10 = 36 +40 +42 +40 + a +44 +46 +46 +48 +50 +52 –
440 = 398 + a
B
A
(A-52)
dx
a = 440-398 = 42
64
dy²
(B–44)
44
46
36
36
-8
46
36
16
40
42
48
52
4
dy
dxdy
40
+64
54
42
44
+2
+4
16
+8
64
4
-8
64
16
4
+24
+12
+16
46
16
48
50
+8
+2
60
64
N = 56| £dx = 0 £d 2 = 304
विचलन वास्तविक माध्य से लिये हैं, अतः
Ed_d, V£a x £d;
+4
16
+6
+4
52
36
+16
+48
+8
248
√304x x 224
248
2
248
= 0.95
लगभग,
260.9521
उच्च कोटि का धनात्मक सह-सम्बन्ध है।
प्रश्न 91. निम्नांकित आंकड़ों के आधार पर वर्ष 1999 हेतु सूती वस्त्र निर्माताओं और ऊनी वस्त्र निर्माताओं के सूचकांकों के मध्य कार्ल पियर्सन के सह-सम्बन्ध गुणांक की गणना करो। सम्भाव्य विभ्रम भी ज्ञात करो तथा r का निर्वचन करो। From the following data calculate Karl Pearson’s correlation coefficient between indices of cotton cloths manufacturers and woollen cloths manufactures. Also calculate probable error and interpret the value of r:
माह (Month) जनवरी ( January ) फरवरी ( February) मार्च (March) अप्रैल ( April) मई (May ) जून (June) सूती वस्त्र निर्माता (Cotton cloths manufacturers) 105 108 106 100 104 105 ऊनी वस्त्र निर्माता (Woollen cloths manufacturers) 64 63 66 62 69 61
4
64
+64
£dy = 0 | £d¸± = 224 | Edxd, = 248
68,096
2
जुलाई (July) अगस्त (August) सितम्बर (September) अक्टूबर (October) नवम्बर (November) दिसम्बर (December) हल (Solution) : 104 111 104 114 118 117 प्रतीपगमन / 119 146146444448 57 55 47 45 45 50
dx = X – 108
X
y
64
63
d, 2
-3
105
d, = Y – 57
108
106
66
-2
100
64
62
69
9
104
0
16
104
dxdy
61
ॐॐ
49 CO
57
0
-3
105
4
104
-4
111
9
16
55
114
118
10 100
36
47
DOTO 36 16
6
117
1000 C 81 25
144
45
45
1,296
7 –
81
£dx = 0 £dx 2
50
= 360
CODAN 6 5 12
-21
Ey =
Edd
-18
0
-40
-48
684
£d‡ × £d
-440
-440
√360 x 792
√2,85,120
4
P.E = 0.6745
√N
1-(.82)²
= 0.6745- √12
3.464
.221
-2
0
-6
-10
( Edx = 0 = Edy)
-12
9
-12
0
100
-72
144
-120
Ed
144
-7
-63
49
= 0
dod,
Ed
r=
= -440
= 792
-440
= 0.82
533.97
1
0.6745 (1-.6724)
0.6745x.3276 3.464
=.064
3.464
=
PE का 6 गुना = 6 x.064 .384
चूँकि r का मान P.E. के 6 गुने से अधिक है अतः सार्थक है।
प्रश्न 92. कोटि-3 टे-
अन्तर की विधि द्वारा X व Y के बीच सह-सम्बन्ध गुणांक ज्ञात कीजिए
Find out the coefficient of correlation between X and Y by the method of rank differences:
=
2
=
120 / यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष )
X :
Y:
22
35
24 25 30 32 21 19 20 18
20
16
15
26
28 21
हल (Solution) :
X
22 24
Rx
25
20
Y
22
16
24
10
7
Ry D = Rx – Ry
9
6
3
23
15
20
25
21
30
-2
2
10 5
4
18
22
D2
+1
4
19
32
28
24
10… 7
21
9
26
5
23
35
5
+1
+1
1
25
N = 10
N = 10
rs = 1 –
6ED 2
672
6
1
16
36
=1
N(N± −1)
Is = 1 …
10 x 99
1
2
=1
हल (Solution) :
6
0
672
990
+7
+2
1
0
49
4
ED2 = 112
6 x 112
10 (10²-1)
672
= 1
0
10 (100-1)
990-672
rs = +.3212121 या + .32 लगभग
990
318
990
Ans. + 0.32
प्रश्न 93. कीमत 368 384 385 361 347 384 395 आयात 22 21 24 20 22 26 24 निम्नलिखित आँकड़ों से संगामी विचलन रीति द्वारा सह-सम्बन्ध ज्ञात कीजिएFind out coefficient of correlation through Concurrent deviation method from the following data : 403 400 385 29 28 27
X 368 384 385 361 347 384 395 403 + + + आयात y 22 21 24 20 22 26 24 29 गुणांक की गणना X – चर Y-चर कीमत विचलन चिन्ह dx + विचलन चिन्ह dy 4 विचलन चिन्हों का गुणनफल dxdy + +
संगामी विचलन रीति द्वारा सह-सम्बन्ध
400 385 N = 9 N = 9 संगामी विचलन सह सम्बन्ध गुणांक का सूत्र लागू करने पर – 28 27 प्रतीपगमन / 121 + C = 6
rc = +
2C – N N
आँकड़ों द्वारा प्रतिस्थापित किये जाने पर
2 x 6 – 9
rc = ± +
12-9
rc = ±
= t.t.
3
rc = ° √.33,
rc = +0.57
उत्तर- कीमत एवं आयात में मध्यम मात्रा का धनात्मक सह-सम्बन्ध (Moderate degree of positive correlation) है।
प्रश्न 94. निम्न आँकड़ों से ‘y’ के सम्भावित मूल्य की गणना कीजिए, जबकि X का मूल्य 12 हो ।
Given the following data, Calculate the expected value of y when the value of x is 12.
समानान्तर माध्य (Arithmetic mean)
15
प्रमाप विचलन (Standard deviation)
8
y
दोनों में सह-सम्बन्ध गुणांक (Coefficient of Correlation of both) = 0.99
उत्तरदी गई जानकारी के आधार पर y का x का प्रतीपगमन समीकरण का हल करना होगा
9
4
3
6x
y = r (x – x ) Sy
y –
±
दिये गये मूल्यों को रखने पर
या or या or y – y y – 15 = 0.99 3 (12 – 8) 15 = 0.7425 (4) 15 = 2.97 y : = 2.97 + 15 y = 17.97 इस प्रकार x = 12 मूल्य होने पर y का सम्भावित मूल्य 17.97 होगा। नोट- जब दोनों माध्य (x & y), दोनों प्रमाप विचलन (ax & ay) तथा माध्यों से प्राप्त विचलनों का गुणनफल (Edxdy) दिये हो तो सर्वप्रथम निम्न सूत्र से सह-सम्बन्ध मालूम करेंगे शेष प्रश्न पूर्व की तरह ही हल करेंगेEdxdy
N.6x.öy
122 / यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. नृतीय वर्ष ) प्रश्न 95. Solution Values X 3 6 12 15 bxy : = निम्नलिखित समंकों की सहायता से प्रतीपगमन गुणांकों की गणना कीजिये. Calculate Regression coefficient from the following data : 3 6 15 12 75 X : y : Computation X Series x = 9 Deviatioin (x) -6 -3 o +3 +6 Ex = 0 = x2 36 Ex. 2 = 90 = 9 12 27 48 of Regression Coefficient Y Series = 0.16 Ex = 45 N = 5 x = 9 Regression Coefficient of x on y Regression Coefficient of y on x Σxy 540 Exy 540 Values y = 33 Y Deviation (v) 3 12 27 48 75 £y = 165 N = 5 y = 33 byx -30 -21 – 6 +15 +42 Ey = 0 y 2 900 441 36 225 1764 Ey2 = 3366 xy +180 +63 0 +45 +252 Σxy = 540
Ey 2 3366 Ex 90 = = = 6
माध्य से लिये गये विचलन को x के स्थान पर dx भी लिया जाना है तब वर्ग d x होगा। (ii) लघु रीति (Short-cut Method) – समानान्तर माध्य की संख्या पूर्णांक में हो तो प्रत्यक्ष रीति द्वारा प्रतीपगमन गुणांक सरलता से प्राप्त किये जा सकते हैं, लेकिन यदि ये माध्य पूर्णांक में नहीं आये तब लघु रीति अपनाना अधिक उपयुक्त होगा। इस रीति में निम्न सूत्रों की सहायता से प्रतीपगमन गुणांकों की गणना की जाती है – x का y पर प्रतीपगमन गुणांक (Req. Coeff x on y) y का x पर प्रतीपगमन गुणांक (Req. Coeff. y on x)
bxy = – Edxdy. N – (Edx.Edy) £d 2 yN (Edy ) 2 byx = £dxdy.N – (£dx.£dy) £d x N (2dy ) 2 – नोट- इन सूत्रों के प्रयोग के पहले पद श्रेणियों में से किसी भी पदमूल्य को कल्पित माध्य (Assumed Mean) मानकर विचलन लिये जाने चाहिये।
प्रश्न 96. लघु रीति द्वारा निम्न आँकड़ों से प्रतीपगमन गुणांकों की गणना करके दो
प्रतीपगमन समीकरणों की रचना कीजिएCalculate regression coefficient from the following data and there after frame the two regression equations by short-cut method :
1
प्रतीपगमन / 123
Solution : X 130 132 134 134 136 138 142 146 N = 8 bxy = X: y: = 130 132 134 134 134 Series x =. A = 134 dx -4 -2 2 4 832-160 1344-64 672 1280 12 Edx = 20 Reg. Coefficient of x on y: Edxdy. N-(Edx. Edy) Ed²y. N-(Edy)² = 525 Mean: X = A + 104 × 8-(20×8) 168×8-(8)² 136 138 142 136 128 136 144 140 138 N = 134 + By Short-cut Method Coefficient of Regression Edx d²x 16 0 0 16 64 144 Ed²x = 248 20 8 = 134 +2.5 = 136.5 Regression equations y 134 136 128 136 144 140 138 140 N = 8 Series y = 136 d²y dy A = -2 0 4 2 4 = 832-160 1984-400 672 1584 146 140 16 Σdy Edy² = 8 168 Reg. Coefficient of y on x: bxy 104 × 8-(20 x 8) X 248×8-(20)² = Edxdy.N-(Edx.Edy) Ed²x.N – (Edx)² : 424 Mean: y = A + 4 64 0 64 16 = 136+Edy N 8 dxdy 8 = 136 + 1 = 137 8 0 16 16 16 48 Edxdy = 104
(x-x) = bxy (y – y) (x-136.5) 525 (y – 137) (x – 136.5) .525y – 71.925 x = .525y71.925 + 136.5 *X=.525y + 64.575
(y- y) = byx (x – x) y137) = .424 (x – 136.5) y – 137) = .424x – 57.876 y = .424×57.876 +137 y=.424x + 79.124 y = .424x + 79.124
((
–
124 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )
प्रश्न 97. सांख्यिकी के छात्रों के समूह द्वारा निम्नानुसार अंक प्राप्त हुए हैं (100 में से). The following marks have been obtained by a group of students in statistics (out of 100):
(Paper 1) 80 45 55 56 58 60 65 68 70 75 86 ((Paper-II) 82 56 50 48 60 62 64 65 70 74 90 प्रतीपगमन रेखाओं के समीकरण ज्ञात कीजिये। Calculate the equations of the line of regression.
X Solution : Series X45 A = 65 80 5 55 56 58 60 65 68 70 75 85 = 4035998 dx bxy= X = A + 15 -20 -10 -9 -7 -5 10 N=11| Edx = 2 20 d 225 400 100 81 25 0 9 25 100 400 Edx N = 65+ 0.18 = 65.18 d²x = 1414 = 65 + 15543-122 21835-3721 x on y Edxdy. N-(Edx. Edy) Ed²y. N-(Edy)² y 82 (1413×11)-(2) (61) 2 1985 x 11-(61) 50 60 62 64 65 70 74 90 N = 11 A = 60 dy 22 -10 -12 Means of x and y 2 11 byx 4 5 10 14 30 Σdy = 61 Regression Coefficients Series y = y = A + dy² 484 16 100 144 16 25 100 196 900 Edy² = 1985 = dxdy Σdy N = 60 +5.54 = 65.54 330 80 100 108 15543-122 15554-4 0 -10 60+ 15 50 140 600 Edxdy = 1413 61 11 y on x Edxdy.N-(Edx.Edy) Ed³x.N – (Edy)² 1413×11-(2) (61) 1414 x 11-(2)²
Taking Paper I as x and Paper II as y Computation table
15421
.85
प्रतीपगमन / 125
15421
x on y
15550
Regression Equations
18114
(x – x ) = bxy (y – y ) PO
(x – 65.18)= .85 (y – 65.54) ( x = 65.18) = 85y – 55.71
x = .8by – 56.71+ 66.18 x = 8by + 9.47y = 99x +
y on x
(y – y ) = byx (x – 7 ) (y – 65.54) = .99 (x – 65.18) (y – 65.54) = .99x – 64.53
y = 99% – 64.53 + 65.54
1.01
लघुउत्तरीय प्रश्न (Short Answer type Questions)
प्रश्न 98
रेखीय व वक्रीय प्रतीपगमन किसे कहते हैं?
What is Linear and Curvilinear Regression. उत्तर – दो सम्बन्धित समंकमालाओं में प्रतीपगमन का अध्ययन अधिकतर विन्दुरेखीय ढंग से किया जाता है। x और y श्रेणियों के चल-मूल्यों को बिन्दुरेख-पत्र पर अंकित करने से एक विशेष विक्षेप चित्र बन जाता है। अंकित बिन्दुओं के मध्य से गुजरने वाली दो सर्वोपयुक्त रेखाएँ (line of best fit) खींची जा सकती है। इन्हीं को प्रतीपगमन रेखाएँ कहते हैं। जब ये रेखाएँ सरल (Straight) होती हैं तो इन्हें रेखीय प्रतीपगमन कहते हैं। यदि ये रेखाएँ वक्र के रूप में होती हैं तो प्रतीपगमन वक्र रेखीय (Curvilinear) कहलाता है। प्रश्न 99 प्रतीपगमन रेखाओं के उपयोग लिखिए।
उत्तर- प्रतीपगमन रेखाओं की सहायता से हमें निम्न बातों का पता लग सकता है(1) दोनों श्रेणियों में सह-संबंध है या नहीं।
(2) यदि है तो उसकी प्रकृति धनात्मक है अथवा ऋणात्मक और कम है या अधिक। (3) एक चल के औसत मूल्य दूसरे चल के औसत मूल्य से कितन प्रभावित होते हैं। (4) किसी भी चल बिन्दु पर विचरण का अनुपात क्या है?
(5) इनके कटान बिन्दु में दोनों अक्षों पर डाले गये लम्बx और y के समानान्तर माध्य को व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 100. यदि byx = 64 तथा bxy = 1 हो तो r का मान ज्ञात कीजिए। हल
r= √bxyx byx
= √1x.64
= √64= .8
उत्तर- 8
प्रश्न 101. यदि दो प्रतीपगमन गुणांक 0.9 तथा 0.5 है तो सह-सम्बन्ध गुणांक का मान ज्ञात कीजिए।
r = −−0.9 ×(−0.5)
हल
-√√.45
= -.671
उत्तर
126 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective type Questions)
सह विकल्प चुनिए
सांख्यिकी में प्रतीपगमन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किया(a) बाउले ने (c) कार्ल पियर्सन ने
2.
(c) फ्रांसिस गाल्टन ने
(d) वालिस एवं रॉबर्ट्सन ने
X की X पर प्रतीपगमन का समीकरण है
(a) Y =a+bX (b) X = a + bY प्रतीपगमन रेखाएँ होती हैं
(b) तीन
(d) X = a – by
(c) Y = a – bX
(a) दो
(c) चार
(d) चाहे जितनी हो सकती हैं
जब दोनों प्रतीपगमन रेखाएँ एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं तो दोनों श्रेणियों में सह-सम्बन्ध होता है
(a) पूर्ण
(b) धनात्मक
(c) ऋणात्मक (d) शून्य
5.
यदि bxy = 8 तथा byx = 45 हो तो सह-सम्बन्ध गुणांक होता है(c) 0.6 (d) 0.8 (a) 0.4 (b) .36
दो चरों की दशा में केवल एक प्रतीपगमन रेखा होगी, जबकि
(d) r = + 1या – 1. जब प्रतीपगमन रेखाएँ बायें से दायें ऊपर को बढ़ती हैं तो X तथा Y श्रेणी में होता
(a) r = () (b) r = +1
7.
(a) धनात्मक सह-सम्बन्ध
(c) सह-सम्बन्ध का अंभाव
(c) r = –
(b) ऋणात्मक सह-सम्बन्ध
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
8.
X का Y पर प्रतीपगमन समीकरण है
9. (a) X – Y = r ♛ (X – X) V CX C Y – Y = r = ( X – Y) (b) CX Y – X = r a = r == ( X – Y ) – Gy GX (d) X – X = r – ( Y – Y ) ay (c) दो घरों X तथा Y प्रकीर्ण आरेख अंदाज देता है(a) सह-सम्बन्ध का (b) प्रतीपगमन का (c) फलनक सम्बन्ध का (d) उपर्युक्त सभी 10. दोनों प्रतीषगमन रेखाएँ काटती हैं बिन्दु
(a) (x.y) पर (b) (1 1) पर (c) (0, 0) पर (d) इनमें से कोई नहीं 37-1. (c). 2. (a), 3. (a), 4. (d), 5. (c), 6. (d), 7. (a), 8. (d), 9. (d), 10. (a)l 1
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