DAVV BA Third Year सांख्यिकी (Statistics) Notes इकाई-चतुर्थ UNIT-FOURTH Chapter : 12

बाली में पीसी परिवारों का महत्वपूर्ण है है 12 ” दीवडीय प्रश्न (Long Answer Type Questions) प्रश्न 1 ॐ६. सूचकांक की अवधारणा को दललाखा। सूचकांकों की विशेषताएँ, उपयोगिता Describe the concept of Index Number. Describe chief characteristics, utility and importance of Index Number. सूचकांक को परिभाषित कीजिए तथा इसका महत्व बताइए। Define Index Number and state its importance.

सूचकांक की परिभाषा दीजिए तथा उसकी विशेषताएँ तथा उपयोग बनलाइए। Give the definition of Index number and describe its characteristics and utility.

सूचकांक की अवधारणा

(Concept of Index Numbers)

सूचकांक या निर्देशांक दो समयावधि अथवा दो स्थानों में किसी तथ्य (जैसेकीमत, मात्रा, उत्पादन आदि) में हुए परिवर्तन की सापेक्ष माप है। उदाहरण के लिए, यह कथन कि ‘महंगाई बढ़ गई है’, ‘रुपये का मूल्य घट गया है’, ‘औद्योगिक क्रिया में शिथिलता आ गई है आदि किसी तुलनात्मक आधार पर ही कहे जाते हैं। इसका अर्थ यह है कि पूर्व समय की तुलना में आज महंगाई अधिक है। परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि प्रत्येक वस्तु महंगी हो गई।

परिभाषाएँ

(1) क्रॉक्स्टन एवं कॉउंडेन (Croxton and Cowden) के अनुसार, “सूचकांक सम्बन्धित चरी (या तथ्यों के परिमाण में होने वाले अन्तरों के मापन की युक्तियाँ है।” (ii) बेसल, विलेट तथा साइमोन (Wessell, Willent and Simone)


148/ बशराज सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष)

अनुसार, “सूचकांक एक विशेष प्रकार का माप है, जो समय-समय अपना स्थान-स्थान

(8) एम.एम. ब्लेयर (M.M. Blair)- के अनुसार, “सूचकांक विशिष्ट प्रकार के

अतः यह काला जा सकता है कि “सूचकांक, समय अथवा स्थान के अनुसार श्रेणियों के अन्तर्गत होने वाले औसत परिवर्तनों की सापेक्ष माप है अर्थात् सूचकाद एक विशेष प्रकार के माध्य होते हैं, जिनके द्वारा काल-श्रेणी एवं स्थान श्रेणी में होने वाले सापेक्ष परिवर्तनों की सामान्य वृद्धि की माप की जाती है।”

सूचकांकों की मुख्य विशेषताएँ

(Chief Characteristics of Index Numbers)

सूचकांकों की निम्नलिखित विशेषताएं है

(1) संख्या द्वारा व्यक्त सूचकांक सदैव संख्या में व्यक्त किए जाते हैं। किसी भी प्रकार के परिवर्तन को केवल शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है, जैसे-उत्पादन बढ़ गया है, मूल्य गिर गए हैं, आदि; परन्तु परिवर्तन की इस दशा को सूचकांक संख्या में व्यक्त

(2) औसत के रूप में प्रस्तुत-सूचकांक परिवर्तन की दिशा को औसत के रूप में प्रकट करते हैं। यहाँ किसी एक वस्तु या कुछ वस्तुओं के परिवर्तन की दिशा का भापत नाहीं होता बल्कि सामान्य रूप में परिवर्तन की दिशा व मात्रा का मापन होता है ।

(3) प्रतिशतों का माध्य-सूचकांक प्रतिशतों का माध्य है। आधार मूल्य अथवा प्रामाणिक मूल्य को 100 मानकर प्रचलित मूल्यों का परिवर्तन प्रतिशत में ज्ञात किया जाता है 1

(4) तुलना का आधार समय अथवा स्थान- तुलना या तो समय के आधार पर को जाती है या स्थान के आधार पर समय को आधार मानते समय किसी विशेष वर्ष, महीना या समय के अन्य किसी अंश को आधार मानते हैं। स्थान को आधार मानते समय किसी विशेष स्थान या भू-भाग को आधार मानकर परिवर्तन की मात्रा का मापन करते हैं। व्यावहारिक रूप से तुलना प्राय: समय के आधार पर की जाती है |

(5) सापेक्ष रूप में सूचकांक सदैव सापेक्ष रूप में होते हैं। परिवर्तन की मात्रा की माप निरपेक्ष रूप में नहीं की जाती है, क्योंकि इस दशा में वह तुलना के योग्य नहीं होती है। इसलिए उन्हें तुलना के योग्य बनाने के लिए सापेक्ष बनाया जाता है।

सूचकांकों की उपयोगिता एवं महत्व

(Utility and Importance of Index Numbers) सूचकांकों की उपयोगिता एवं महत्व निम्नानुसार है

1. जटिल तथ्यों को सरल बनाना-जिन तथ्यों के परिवर्तन का मापन प्रत्यक्ष निरपेक्ष रूप से नहीं हो सकता है, सूचकांक उनको मापने की सुविधा प्रदान करते हैं। जैसे – औद्योगिक उत्पादन, बैंकिंग, यातायात आदि की प्रगति का विश्लेषण | बहुत में भावात्मक (Abstract) तथ्यों को इन्हीं की सहायता से ठोस रूप दिया जाता है जनसामान्य के सम्मुख सरल व समझने योग्य हो पाते हैं। है और के

2. तुलनात्मक अध्ययन को सम्भव बनाना-सूचकांक की सबसे बड़ी उपयोगिता यह है कि इनकी सहायता से तुलनात्मक अध्ययन सम्भव हो जाता है। इसका कारण यह है कि ये सापेक्षित रूप में परिवर्तन को प्रकट करते हैं ।


सूचकांक / 149

३. मुद्रा की कप-शक्ति का माप सूचकांक की सहायता से मुद्रा की क्रय-शक्ति होने वाले परिवर्तनों को मापा जा सकता है। इन्हीं की सहायता से मुद्रास्फीति या को नियंत्रित किया जा सकता है।

4. राष्ट्रीय आय के परिवर्तन का अनुमान लगाना- सूचकांक की सहायता से ‘वास्तविक आय’ (real income) ज्ञात की जाती है, क्योंकि आय में परिवर्तनों या इसी प्रकार के अन्य तथ्यों के परिवर्तनों के निर्वाचन करने का उपयोगी ढंग उनको क्रय शक्ति में बदलकर होता है। सूचकांको की सहायता से वास्तविक राष्ट्रीय आय में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन होता है और इनके आधार पर योजनाएँ बनाई जाती हैं।

5. सामान्य मूल्यों में परिवर्तनों का अध्ययन सम्भव बनाना-मूल्य सूचकांकों की सहायता से सामान्य मूल्यों के परिवर्तन का अध्ययन किया जाता है। इनके आधार पर व्यवसायी एवं उपभोक्ता अपनी क्रियाओं को संचालित करते हैं तथा उनके इस कार्य से में स्थिरता आती है। ।

6. जीवन स्तर में परिवर्तन का ज्ञान – सूचकांक व्यक्तियों के जीवन स्तर का भी अध्ययन करते हैं।

7. भावी आर्थिक प्रवृत्ति की ओर संकेत करना-सूचकांक भूतकाल के सन्दर्भ में केवल वर्तमान की व्याख्या हो नहीं करते बल्कि इनके आधार पर भविष्य के बारे में भी महत्वपूर्ण पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं। इच्छित परिणाम पर पहुंचने के लिए वर्तमान क्रियाओं को नियन्त्रित व संचारित किया जा सकता है।

8. आर्थिक नीतियों (वेतन, महंगाई भत्ता आदि निश्चित करना) के निर्माण में सहायक-सूचकांकों का एक महत्वपूर्ण उपयोग आर्थिक नीतियों के निर्माण में सहायक होना है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सरकार न्यूनतम मजदूरी, महंगाई भत्ता आदि निश्चित करती है।

9. सरकार द्वारा आवश्यक नियन्त्रण सम्भव- विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों के परिवर्तनों को जानकर सरकार उन पर आवश्यक नियन्त्रण रख सकती है। सरकार सूचकांकों की सहायता से ही निवेश, उत्पादन, आय, रोजगार, व्यापार, कीमत-स्तर उपभोग आदि. क्रियाओं से सम्बन्धित उचित नीतियों का निर्धारण करती है। F

10. सार्वभौमिक उपयोगिता – वर्तमान युग में जनसामान्य को अनेक प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त होती है। इन्हीं के आधार पर बीमा कम्पनियाँ प्रीमियम की दर निश्चित करती है. बैंक ब्याज की दर निश्चित करते हैं, रेलवे अपने भाड़े की दर निश्चित करती हैं । उत्पादक तथा व्यापारी वर्ग सूचकांकों की सहायता से कीमत-स्तर में परिवर्तन के अनुसार ही अपने उत्पादन तथा व्यापार की योजनाएं तैयार करते हैं। आयातकर्ता, निर्यातकर्ता तथा अन्य प्रकार के व्यवसायी इन्हीं के आधार पर अपनी नीति निश्चित करते हैं और अपने कार्य को संचालित व नियन्त्रित करते हैं। आज के नियोजन के युग में विभिन्न प्रकार के सूचकांक योजना के आधार व प्राण हैं।

प्रश्न 127. सूचकांकों की परिसीमाएँ बतलाइए।

Describe the limitations of Index Numbers.

अथवा

सूचकांकों के दोष बतलाइए।

Describe the defects of Index Numbers.

सूचकांकों के दोष निम्नलिखित हैं-

उत्तर




150 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष)

4. पूर्ण सत्य नहीं-सूचकांक पूर्णतया सत्य नहीं होते। सूचकांक

4. केवल सापेक्ष अध्ययन सम्भव–सूचकांक केवल सापेक्ष अध्ययन को ही

3. अन्तर्राष्ट्रीयतुलना सम्भव नहीं-सूचकांकों के आधार अलग-अलग देशों में अलग-अलग होते हैं, अत: इनकी सहायता से अन्तर्राष्ट्रीय तुलना करना सम्भव नहीं है 4. समय का अन्तर-समय का अन्तर हो जाने पर सूचकांकों की सहायता से तुल करना कठिन हो जाता है, क्योंकि समय के परिवर्तन से मनुष्य को आदतें, रुचियाँ आदि भी बदलती रहती है। इसलिए पुरानी उपभोग वस्तुओं पर बने हुए सूचकांक की तुलना नई वस्तुओं के सूचकांक से नहीं की जा सकती।

3. गुणात्मक पहलू पर ध्यान नहीं-सूचकांकों की रचना में वस्तुओं के गुणात्मक पहलू को ध्यान में नहीं रखा जाता है।

6. सूचकांक लगभग संकेतक हैं-सूचकांक परिवर्तन की दिशा की ओर संकेत मात्र करते हैं. वास्तविक स्थिति का ज्ञान इनसे सम्भव नहीं हो पाता |

7. एक भ्रमात्मक निष्कर्ष विभिन्न रीतियों से निर्मित सूचकांकों से विभिन्न निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। सूचकांक की परिस्थिति एवं पृष्ठभूमि को देखे बिना सूचकांकों से

8. सीमित उपयोग अर्थात् सभी उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं सूचकांक प्रा किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं। यदि उनका उपयोग किसी और उद्देश्य के किया जाएगा तो गलत अनुमान लगाए जा सकते हैं 1

9. भार देने का दोष- अधिकतर सूचकांकों में भार देने का कोई वैज्ञानिक उप नहीं है, जिससे सूचकांक सही परिणाम प्रस्तुत नहीं करते।

10. फुटकर मूल्य सूचकांकों का अभाव-अधिकतर सूचकाक थोक कीमतों के आधार पर ही बनाए जाते हैं परन्तु वास्तविक जीवन में फुटकर कीमतों का अधिक महत्व है, लेकिन उनको जानकारी में बहुत कठिनाई होती है। उधर थोक कीमत वाले सूच से भी गलत परिणाम निकलते है।

प्रश्न 120 सूचकांकों की रचना के समय ध्यान देने योग्य बातें कौन-कौनसी है? Which points to remember while constructing Index Num

1

सूचकांकों के निर्माण में कौन-कौनसी समस्याएँ है ?

Which problems in the constructing Index Numbers.

सूचकांकों की रचना के मुख्य चरण बतलाइए।

Describe the main steps in the construction of Inde Number.

सूचकांकों की रचना के समय ध्यान देने योग्य बातें

1

1

1

(Points to remember while constructing Index Numbers

7

1

1

7

1


सूचकांकों के निर्माण में समस्याएँ

(Problems in the Construction of Index Numbers)

सूचकांकों की रचना के मुख्य चरण

(Main steps in the Construction of Index Numbers)

1. उद्देश्य (Purpose)-सूचकांक की रचना करने से पूर्व इस बात की जानकारी प्राप्त कर लेना आवश्यक होता है कि उसका उद्देश्य क्या है, क्योंकि प्रत्येक उद्देश्य की पूर्ति के लिए अलग-अलग प्रकार के कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं। जैसे

मुद्रा की क्रय-शक्ति में परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए गोकमत सूचक (Wholesale price index number) का निर्माण किया जाता है

‘मुद्रा के मूल्य परिवर्तन का उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव होगा यह देखने के लिए फुटकर कीमतों का सूचकांक अर्थात् जीवन निर्वाह सूचकांक का निर्माण किया जाता है। सूचकांकों की रचना के समय ध्यान देने योग्य बातों पर सूचक के श्य अनुसार विचार किया जाना आवश्यक है 1

सामान्य मूल्य स्तर (General Price) सूचकांक की रचना में यह निश्चित होना चाहिए कि वह सम्पूर्ण देश के लिए है या किसी राज्य के लिए या किसी भू-भाग के लिए है।

2. आधार काल का चुनाव (Selection of base period)-निर्देशक बनाने के लिए सबसे पहले उस वर्ष का चुनाव करना पड़ता है जिसकी कीमतों की कीमतों की तुलना करती है। इस वर्ष को ही आधार वर्ष (Base year) कहते है तथा वर्तमान वर्ष को चालू वर्ष (Current year) कहते हैं। आधार वर्ष एक सामान्य वर्ष होना चाहिए जिसमें सामान्य कीमत-स्तर न तो बहुत अधिक रहा हो और न हो बहुत म आधार वर्ष असामान्य होगा तो जिस वर्ष से हम आधार की कीमत-स्तरकोटना चाहते हैं, उससे तुलनात्मक परिणाम सही जात नहीं होंगे।

आधार तीन प्रकार से लिए जाते है

(i) एक ही वर्ष को आधार मानना।

(ii) दो या अधिक वर्षों के औसत मूल्यों को आधार मानना ।

(iii) श्रृंखला आधार |

(1) तथा (ii) की स्थिति को स्थिर आधार कहते हैं।

शृंखला आधार के अन्तर्गत प्रत्येक वर्षको तुलना उससे पूर्व के वर्ष से की जा अत: इसके चुनाव में कोई समस्या उत्पन्न नहीं होती।

3. वस्तुओं का चुनाव (Selection of commoditien)-क्योंकि सूचकाक बनाते समय देश में उत्पादित सभी वस्तुओं व सेवाओं को शामिल नहीं किया वस्तुओं का चुनाव करना आवश्यक है। वस्तुओं के पदया ★

(i) वस्तुओं की संख्या (Number of enemmodities)- वस्तुओं की संख्या का निर्धारण प्राप्त समय प्राप्त हुआ


162 / यशराज सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष ) :

(ii) कौन-कौनसी वस्तुएँ सम्मिलित की जायें (Which commodities are to be included)- ऐसी वस्तुओं व सेवाओं को चुन लिया जाता है जो अन्य सब वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करें। ये वस्तुएँ या सेवाएँ ऐसी होनी चाहिए जिनका अधिक से अधिक व्यक्ति प्रयोग करते हैं ।

4. वस्तुओं की कीमतों का चुनाव ( Selection of the prices of com. modities) – वस्तुओं की कीमतों को बाजारों, मण्डियों, सरकार तथा व्यापारिक संस्थाओं द्वारा प्रकाशित पत्र-पत्रिकाओं से प्राप्त किया जाता है।

कभी-कभी सूचकांक में प्रयुक्त वस्तुओं का वर्गीकरण करना भी आवश्यक हो जाता है विशेषत: जबकि वस्तुओं की संख्या अधिक हो। इस प्रकार उन वर्गों से वस्तुओं के मूल्य परिवर्तनों का अलग-अलग अनुमान लगाया जा सकता है।

5. भार देने का ढंग (System of weighting) – विभिन्न वस्तुओं को उनकी महत्ता के सम्बन्ध में महत्व देने के लिए भारों का प्रयोग किया जाता है। सूचकांक की रचना करने से पहले विभिन्न वस्तुओं का भार निश्चित करने का आधार किया जाता है और फिर उन वस्तुओं के भार निश्चित किये जाते हैं ।

6. माध्य का चुनाव ( Selection of average) – जब दो से अधिक वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है तो सूचकांक बनाते समय एक प्रमुख समस्या औसत या माध्य निकालने की भी है। यहाँ यह निर्णय लेना पड़ता है कि समानान्तर माध्य, भूयिष्ठक, मध्यका, गुणोत्तर माध्य आदि में से कौनसा लिया जाये।

प्रश्न: 129. एक अच्छे आधार की विशेषताएँ बतलाइए। स्थिर आधार व श्रृंखला आधार में अंतर स्पष्ट कीजिए ।

Describe the properties of a good base. Explain difference between fixed base and chain base.

अथवा

स्थिर आधार व श्रृंखला आधार के तुलनात्मक गुण-दोष बतलाइए । Describe comparative merits-demerits of fixed base and chain base. अथवा

स्थिर आधार व श्रृंखला आधार के तुलनात्मक गुण-दोष बतलाइए । Describe comparative merits-demerits of fixed base and chain base.

उत्तर

एक अच्छे आधार की विशेषताएँ

(Properties of A Good Base) (1) सामान्य- आधार सामान्य काल (समय) हो । जिस तथ्य से सम्बन्धित सूचकांक बनाया जा रहा हो, उसमें उस काल में कोई असाधारण परिवर्तन न जैसे. कृषि उत्पादन सूचकांक बनाते समय आधार वर्ष ऐसा होना चाहिए जब त बहुत अधिक हुआ हो और न बहुत कम हुआ हो, बल्कि सामान्य (2) वास्तविक-आधार-काल वास्तविक होना चाहिए, काल्पनिक नहीं। काल्पनिक आधार में तथ्यों के बारे में कल्पनाएँ कर लो जाती हैं। इससे स्थिति का ठीक ज्ञान नहीं होता और परिणाम में पक्षपात का प्रभाव पड़ सकता है 1


सूचकांक / 153

(3) समस्त सूचनाएँ उपलब्ध आधार-काल ऐसा होना चाहिए जिसमें विषय से सम्बन्धित सभी प्रकार की सूचनाएँ सरलता से उपलब्ध हो सकें, क्योंकि विषय को ठीक प्रकार से समझने के लिए यह आवश्यक होता है ।

(4) बहुत पुराना नहीं- आधार-काल बहुत पुराना नहीं होना चाहिए, क्योंकि आज के गुग में मानव बड़ी तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। व्यक्तियों की रुचि, खानपान, रीतिरिवाज, सामाजिक व आर्थिक कलेवर सभी में महान परिवर्तन होते जा रहे हैं। प्राचीन व अर्वाचीन तथ्यों में काफी अन्तर हो जाने के कारण उस आधार पर प्राप्त सूचकांक उतने उपयोगी नहीं होंगे।

(5) सामान्य आकार- आधार काल आकार की दृष्टि से न तो बहुत लम्बा होना चाहिए न बहुत छोटा। यदि आधार-काल लम्बा हुआ तो परिवर्तन की प्रवृत्ति को ज्ञात करना कठिन हो जायेगा और यदि बहुत छोटा हुआ तो बहुत परिवर्तन दृष्टिगोचर होगा और निष्कर्ष भ्रामक होंगे।

स्थिर आधार व शृंखला आधार के तुलनात्मक गुण-दोष (Comparative Merits-Demerits of Fixed Base and Chain Base)

स्थिर आधार वर्ष प्रत्येक वर्ष के लिए समान रहता है। 2. नयी वस्तुओं को शामिल करना तथा पुरानी वस्तुओं को छोड़ना कठिन कार्य है। 3. सामान्य वर्ष चुनना पड़ता है। चुनने की कोई समस्या नहीं । 4. आसपास के दो वर्षों की तुलना नहीं की। आसपास के दो वर्षों की तुलना बहुत सरल हो जाती है । जा सकती। 5. कम लाभदायक है। श्रृंखला आधार वर्ष प्रत्येक वर्ष के लिए बदलता रहता है । नयी वस्तुओं को आसानी से शामिल कर लिया जाता है तथा पुरानी वस्तुओं को छोड़ा जा सकता है । 5. रचना करना सरल है। 7. अशुद्धियों का संचयोकरण नहीं होता। 8. दीर्घकालीन परिवर्तन के लिए उचित है। अधिक लाभदायक है, क्योंकि पूर्व वर्ष की तुलना में चालू वर्ष की कीमतों का ज्ञान हो जाता है । रचना करना कठिन है। अशुद्धियों का संचयीकरण हो सकता है । दीर्घकालीन परिवर्तन के लिए उचित नहीं है।

प्रश्न 130. सूचंकाक के गणना की विधियाँ बतलाइए। सूचकांकों के प्रकार बतलाइए।

Describe methods of computation of Index Numbers. Describe the type of Index Number.

अथवा

सूचकांक गणना की विधियाँ बतलाइए, सूचकांकों का वर्गीकरण कीजिए। Describe the methods of Computation of Index Numbers and classification of Index Numbers.


154 / यशराज : सांख्यिकी ( बी. ए. तृतीय वर्ष )

उत्तरसूचकांक की गणना की विधियाँ (Methods of Computation of Index Numbers) सूचकांक ज्ञात करने की (सूचकांक रचना की) बहुत सी विधियाँ हैं, जिनका वर्गीकरण निम्न चार्ट द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है

सूचकांक की गणना की विधियाँ (Methods of Computation of Index Numbers)



एक वस्तु के लिए (For a Single Item)

स्थिर आधार श्रृंखला आधार

(Fixed Base) (Chain Base)

सरल मूल्यानुपात माध्य रीति

(Simple Average of

Relative Method)

वस्तु समूह के लिए (For a Group of Items)

सरल

(Simple)



सरल समूही रीति (Simple Aggregative Method)

स्थिर आधार श्रृंखला आधार स्थिर आधार श्रृंखला आधार 4. मार्शल एजवर्थ (Marshall

(Chain

(Fixed

Base)

Base)

(Fixed

Base)

भारित

(Weighted)



अन्य विधियाँ (Other Methods)

1. लैस्पेयर (Laspeyre) विधि

2. पाशे (Pasche) विधि

(Chain

3. फिशर निर्देशांक (Fisher Index)

Edgeworth) विधि

Base)

5. डॉर्विश व बॉउले

जीवननिर्वाह सूचकांक (Cost of Living Index No.)

(Dorbish & Bowley) विधि



पारिवारिक बजट रीति (Weighted Average of Relative Method or Family Budget Method) भारित समूही रीति या सामूहिक तथ्य रीति (Weighted Aggregative Method of Aggregative Expenditure Method) सूचकांकों के प्रकार अथवा सूचकांकों का वर्गीकरण (Type of Index Numbers or Classification of Index Numbers)

भारित मूल्यानुपात माध्य रीति या

I. सूचकांकों द्वारा मापे जाने वाले विभिन्न चरों के आधार पर सूचकांक को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जा सकता है(क) कीमतों के सूचकांक(1) थोक कीमतां के सूचकांक (Wholesale Price Index Numbers),


(2) जीवन निर्वाह सूचकांक (Cost of Living Indez Number) अथवा उपभोक्ता कीमत सूचकांक (Consumer’s Price Indez Numbers), (ख) भौतिक मात्राओं के सूचकांक

(1) उपभोग सूचकांक (Consumption Indez Numbern, (2) औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Industrial Production Indez), (3) निर्यात सूचकांक (Export Index Number), (ग) व्यापारिक क्रिया का सूचकांक (Trade Activity Indez Number), II. भार के आधार पर निर्देशांक दो प्रकार के होते है 1. उभारित या सरल सूचकांक (Unweightd or Simple index numbers), 2. भारित सूचकांक (Weighted index numbers) |

प्रश्न Describe the Base Shifting Method with example. उत्तर- यदि किसी निश्चित आधार पर सूचकांक दिए हो तो उन्हें किसी अन्य आधार पर परिवर्तित किया जा सकता है।

131 आधार परिवर्तन की विधि को उदाहरण सहित बतलाइए |

सूत्र- नए आधार पर सूचकांक

किसी वर्ष का पुराना सूचकांक / 100

उस वर्ष का पुराना सूचकांक जिसको नया आधार बनाया गया है। उदाहरण-निम्नलिखित सूचकांकों के आधार पर 1989 से 1992 में बदलकर नए सूचकांक ज्ञात कीजिए

वर्ष (Year) 1989 1990 1991 1992 1993 1994 1995 1996 सूचकांक (Index Number) 100 105 108 150 156 153 158 160

हल (Solution) :

प्रत्येक वर्ष के देशनांक को 1992 के सूचकांक से भाग दें तथा 100 से गुणा कर

1989 1990 वर्ष सूचकांक आधार सूचकांक आधार 1989 1992 100 105 100 150 105 150 x 100 = 67 x 100 = 70


156 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष ) 1991 1992 1993 1994 1995 1996 108 150 156 153 158 160 108 150 150 150 156 150 153 150 158 150 160 150 x 100 = 72 x 100 = 100 × 100 = 104 x 100 = 102 x 100 = 105 x 100 = 107

प्रश्न 132. श्रृंखला आधार से स्थिर आधार में परिवर्तन की विधि उदाहरण सहित

बतलाइए।

Describe the conversion from chain base to fixed base method with examples,

श्रृंखला आधार से स्थिर आधार में परिवर्तन

(Conversion from Chain Base to Fixed Base) श्रृंखला आधार से स्थिर आधार पर सूचकांकों को बदलने के लिए पहले वर्ष का स्थिर आधार सूचकांक नहीं माना जाता है जो उस वर्ष का श्रृंखला आधार सूचकांक है। किन्तु यदि प्रथम वर्ष स्थिर आधार मानकर सूचकांक बनाने होते हैं तो उसे 100 मानते है। अन्य वर्षों के लिए निम्न सूत्र की सहायता से बदलते है चालू वर्ष का स्थिर आधार सूचकांक =

चालू वर्ष का श्रृंखला आधार सूचकांक

आधार सूचकांक

Ign Ira

100

In Ira अथवा Jona आदि। “

उदाहरण-निम्न आंकड़ों से 1991 पर श्रृंखलित श्रृंखला आधार सूचकांक जात

X

100

100 – 100

Calculate chain base indez numbers chained to 1991 from the

following data

वर्ष (Year) *

1991 1992 1998 1994 1995 1996

240 300 288

480 420

20


हल (Solution) : वर्ष 1991 कीमत शृंखला अनुपात = 1992 1 1993 2 1994 3 1996 1995 4 चालू वर्ष की कीमत गत वर्ष की कीमत कीमत शृंखला अनुपात ( श्रृंखला आधार सूचकांक ) की गणना 0 5 कीमत 240 300 288 360 480 420 Po Pi 101 12 I Is = = 100 (माना) = 11 कीमत श्रृंखला अनुपात P; × 100 Its Pi-1 Pa Pi x 100 Pa Po x 100 = x 100 = x 100 = आधार 1991 पर शृंखलित कीमत श्रृंखला आधार सूचकांक x 100 = x 100: H 300 240 288 300 360 288 360 सूचकांक / 157 420 480 x 100 = 125 x 100 = 96 x 100 = 125 x 100 = 133.3 x 100 = 87.5

वर्ष 1991 1992 1993 1994 1995 1996 100 125 96 125 133.3 87.6 Igp La 22 Is I 100 102 123 7 100 Igg x lag 100 100 = T BUC श्रृंखला आधार परिवर्तन सूचकांक 125 × 96 100 120 × 125 100 150 × 133.3 200 × 87.5 I 125 125 (1991 – 100 125 120 150 200 176


158 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )

प्रश्न 133. स्थिर आधार से शृंखला आधार में परिवर्तन की विधि उदाहरण सहित बतलाइए। Describe the conversion from fixed base to chain base method with example.

स्थिर आधार से शृंखला आधार में परिवर्तन (Conversion from Fixed Base to Chain Base) माना I01, I02, I03, Io1 आदि स्थिर आधार सूचकांक हैं तथा I01, I127 श्रृंखला आधार सूचकांक हैं तब उत्तरI12, I29, आदि

I 12 – Io2 I01 × 100; 123 = Io3 To2 x 100

चालू वर्ष का स्थिर आधार सूचकांक गत वर्ष का स्थिर आधार सूचकांक उदाहरण — स्थिर आधार सूचकांक जो नीचे दिये हैं, से शृंखला आधार सूचकांक ज्ञात कीजिए=

चालू वर्ष का श्रृंखला आधार सूचकांक

From the fixed base index numbers given below, prepare chain base index numbers :

वर्ष ( Year)

सूचकांक (Index No.) :

:

1990 1991 1992 1993 1994 1995 200 220 250 280 300 240

हल (Solution) : 1991 वर्ष शृंखला आधार (Years) सूचकांक (Fixed Base Index No.) 1992 1990 200 101 1993 200 1995 240 250 1994 280 300 103 Ios Ins Ios 102 | To1 103 To2 | I04 103 | I05 | I04 × 100 परिवर्तन (Conversion ) x 100 : = -06 × 100 105 = × 100 = × 100 = = 200 200 240 220 250 240 280 250 x 100 x 100 × 100 × 100 300 x 100 280 |स्थिर आधार सूचकांक (Chain Base Index No.) 100 (मान लिया ) I12 I 23 100 109 104.17 112 107.14 145 56


सूचकांक / 159

प्रश्न 134. एक श्रेष्ठ निर्देशांक द्वारा किन-किन परीक्षणों की पूर्ति की आशा की जाती

है ?

What tests is a good Index Number expected to satisfy.

अथवा

उत्तम सूचकांक के परीक्षण बतलाइए ।

Describe tests of a good Index Number.

उत्तर

उत्तम सूचकांक के परीक्षण Tests of a Good Index Number

()

I. उत्क्राम्यता परीक्षण (Reversible Test) उत्क्राम्यता परीक्षण दो प्रकार का हो सकता है – (1) समय उत्क्राम्यता परीक्षण (Time Reversal Test ) (2) तत्व उत्क्राम्यता परीक्षण (Factor Reversal Test) (1) समय उत्क्राम्यता परीक्षण (Time Reversal Test) — “उत्तम सूचकांक की परीक्षा यह है कि इसे ज्ञात करने का सूत्र ऐसा होना चाहिए कि इस प्रकार की तुलना में जो अनुपात हो, दूसरे प्रकार की तुलना में भी वही अनुपात हो- चाहे उसमें से कोई भी आधार माना जाये ।”

अत: यदि किसी वर्ष को आधार वर्ष मानकर किसी अन्य वर्ष का मूल्य सूचकांक निकाला जाये और फिर उसी रीति से दूसरे को आधार वर्ष मानकर पहले वर्ष का सूचकांक निकाला जाये तो दोनों सूचकांक एक-दूसरे के व्युत्क्रम (Reciprocal) होने चाहिए । अर्थात् यदि दोनों का गुणा किया जाये तो गुणनफल 1 होगा। इसे सूत्र के रूप में इस प्रकार प्रकट करेंगे

Po, x P, 01

जहां, Po1 =

आधार वर्ष को आधार मानकर चालू वर्ष का सूचकांक (Index Number of year, taking Base year as base)

10

P10 = चालू वर्ष को आधार मानकर आधार वर्ष के लिए सूचकांक (Index Number of Base year, taking Current year as base) (0 आधार वर्ष के लिए एवं 1 चालू वर्ष के लिए व्यवहार होता है।) इस प्रकार समय उत्क्राम्यता का यह अर्थ है कि आधार वर्ष के आधार पर चालू कार्य का सूचकांक (Po1) निकाला जाये और चालू वर्ष को आधार मानकर वर्ष का सूचकांक (P10) ज्ञात किया जाये तो वे एक-दूसरे के लिए व्युत्क्रम (Reciprocal) होंग।

(2) तत्व उत्क्राम्यता परीक्षण (Factor Reversal Test) – “जिस प्रकार प्रत्येक सूत्र के अनुसार यह सम्भव होना चाहिए कि दो समयों के आपस में परिवर्तन से असंगत फल न प्राप्त हो, उसी प्रकार यह भी सम्भव होना चाहिए कि मूल्य तथा मात्राओं के प्रतिस्थापन करने पर भी असंगत फल न प्राप्त हों अर्थात् दोनों परिणामों को आपस में गुणा करने पर वास्तविक मूल्य अनुपात (True value ratio) प्राप्त हो ।” अतः यदि मूल्य और मात्रा में परस्पर परिवर्तन करें अर्थात् मूल्य के स्थान पर मात्रा और मात्रा के स्थान पर मूल्य रखकर सूचकांक बनायें तो सूचकांकों का गुणनफल चालू वर्ष के कुल मूल्य (EP, १,) तथा

=


160 / बशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )

आधार वर्ष के कुल मूल्य (2PM) के अनुपात के बराबर होगा। सूत्र में हम इसे ढंग से प्रस्तुत करेंगे=

ZPUL P46

(Ture Value Ratio)

जहां, P ● 01 आधार वर्ष को आधार मानकर चालू वर्ष का मूल्य सूचकांक (Indiy Number of Price for Current year, taking Base year as base)

Qoi

आधार वर्ष को आधार मानकर चालू वर्ष का मात्रा सूचकांक (Index Number of Quantity for Current year, taking Base year

as base)

Pg, चालू वर्ष का मूल्य चालू वर्ष की मात्रा अर्थात् चालू वर्ष का कुल मूल्य (Price of the Current year z Quantity of the Current year or Value of the Current year)

P, 90 = आधार वर्ष का मूल्य आधार वर्ष की मात्रा अर्थात् आधार वर्ष का कुल मूल्य (Price of the Base year x Quantity of the Base year or Value of the Base year)

II. चक्रीय परीक्षण (Circular Test)

समय और तत्व उत्क्राम्यता परीक्षणों के अतिरिक्त सूचकांकों का एक परीक्षण और है, वह है चक्रीय परीक्षण। यह समय उत्क्राम्यता परीक्षण का ही विस्तार मात्र है। इस परीक्षण के अनुसार यदि ‘0’ आधार वर्ष पर ‘1’ वर्ष के लिए सूचकांक बनाया जाये, दूसरा वर्ष ‘1’ को आधार मानकर वर्ष ‘2’ के लिए सूचकांक बनाया जाये तथा तीसरा वर्ष ‘2’ को आधार मानकर वर्ष ‘3’ के लिए सूचकांक बनाया जाये, तो इन सूचकांकों का गुणनफल 1 होना चाहिए । इसका सूत्र है

x P x P. P,

(n-1)n चक्रीय परीक्षण उसी स्थिति में ठीक बैठता है, जबकि या तो सूचकांक निर्माण में भार का प्रयोग ही न किया गया हो अथवा स्थिर भार का प्रयोग किया गया हो। प्रश्न 135. लैस्पियरे की विधि तथा इसके गुण-दोष बतलाइए । Describe the Laspeyre’s method and its merits-demerits. Po, 01 12 23 …

उत्तर

1

लैस्पियरे की विधि

(Laspeyre’s Method)

प्रो. लैस्पियरे ने आधार वर्ष की मात्रा go को दोनों वर्षों के लिए भार माना हैलैस्पियरे का सूत्र इस प्रकार है

जहां P, Pg = n 9o Ep1lo लैस्पियरे सूचकांक, Po1 = Epo90 x 100 चालू वर्ष का मूल्य (Current year price), आधार वर्ष का मूल्य (Base year price), आधार वर्ष की मात्रा (Base year quantity)

…(1)



61




quata/161

अॅपियरे विधि से पात्रा सूचकांक निम्न प्रकार है2090, 100, से कीमत सूचकांक है।

S ham 2.90PO ● 100, जर्म आधार वर्ष की कीमत की मार दिया जाता है।

गुण (Merits) :

लेपियर कीमत सूचकांक में आधार वर्ष की मात्रा को मार लिया जाता है। यहां यह माना जाता है कि व्यक्तियों की वस्तुओं की मात्राएँ भविष्य में भी वहीं रहेगी भले ही कीमत में उतार-चढ़ाव हो । अर्थात् लेम्पियर कीमत सूचकांक में मात्रा (आधार वर्ष की) निश्चित है। व्यावहारिक दृष्टि से लेपियरे सूत्र को उचित माना जा सकता है।

दोष (Demerits) :

लेग्गियों के सूत्र में जीवन-स्तर में परिवर्तन को महत्व नहीं दिया जाता है। अर्थात् प्रचलित वर्ष की मात्रा पर विचार नहीं किया जाता है।

लैस्पियरे सूत्र उत्क्राम्यता परीक्षणों को सन्तुष्ट नहीं करता है।

प्रश्न 136. पाशे की विधि तथा इसके गुण-दोष बतलाइए। लैस्पियरे तथा पाशे के सूत्रों की तुलना कीजिए।

Describe the Pasche’s Method and its merits-demerits comparison of Laspeyre’s and Paasche’s Formula,

पाशे की विधि

उत्तर

(Pasche’s Method) इस विधि के अन्तर्गत चालू वर्ष तथा आधार वर्ष दोनों के लिए चालू वर्ष की मात्रा को भार माना जाता है। सूत्र के अनुसार,

पाशे सूचकांक, ‘P)1 जहां, = x 100 P, = चालू वर्ष का मूल्य ( Current year price), ५ = चालू वर्ष की मात्रा (Current year quantity), आधार वर्ष का मूल्य (Base year price)। Po = Ep141 Ep091

= पाशे सूचकांक ‘P, 01 पाशे विधि से मात्रा सूचकांक निम्न प्रकार हैEpj91 Ep091 × 100, पाशे विधि से कीमत सूचकांक है।

[q1 P1 PQ01 = [q0P1 x 100, जहां प्रचलित वर्ष की कीमत को भार लिया जाता है।

विशेषताएँ (Characteristics) / गुण-अवगुण (Merits-demerits) पाशे कीमत सूचकांक में प्रचलित वर्ष की मात्रा को भार लिया जाता है। यहाँ यह माना जाता है कि व्यक्तियों की वस्तु की मात्राएँ आधार वर्ष में वही थी जा प्रचलित वर्ष


लैस्पियरे तथा पाशे के सूत्रों की तुलना

(Comparison of Laspeyre’s and Fasche’s Formulae)

कतों के आधार पर भी दोनों सुभे से उत्त

वस्तुओं की कीमतों में समान अनुपात में हो सकभर

(३) सभी स्तुओं की मात्रा में समान अनुपात में परिवर्तन हो, जिससे का

237 की विधि बतलाहए तथा इसके गुण-दोष भी लिखिए।

(Fisher’s Method)

पो. इसचिव फिशर (Irvin Msher) के अनुसार इस विधि के अन्तर्गत लैरियो तथा भाशे के सूत्रों का गुणोत्तर साय लिया जाता है।

कीमतों के स्थान पर भात्री तथा मात्रा के स्थान पर कीमत लिखने पर फिर सूर से फिशर माता सूचकांक प्राप्त हो जाता है

Care Cap पत

★ 100

Py = चालू वर्ष की कीमत,

P= आधार वर्ष की कीमत,

91

चालू वर्ष की यात्रा

● आधार वर्ष की मात्रा

do


सूचकांक / 168

कासूर समय उहायता परीक्षण को सन्तुष्ट करता है

Proda

Epga

फिशर का सूत्र तन उत्ताम्यता परीक्षण को सतुट करता है

Epra (गुणक 100 को छोड़ते हुए)

M

Spah Po Pi Spor Copy x 100 qoPo Spar V Palo 100 को

गुण (Merits)

दोष (Demerits)

(गुणक छोड़ते हुए )

1. इस सूत्र मे आधार वर्ष तथा चालू वर्ष की कीमत तथा मात्रा दोनों को सम्मिलित

22. यह सूत्र अभिनति (Bins) से स्वतन्त्र ।

3. यह सूत्र समय उकाम्यता परीक्षण (Time Reversal Test) तथा तत्व उत्क्राम्यता परीक्षण (Factor Reversal Test) दोनों की कसौटी पर खरा उतरता है। यही कारण है कि इसे आदर्श सूत्र (ldeal Formula) कहा जाता है ।

1. इस सूचकावेचन कठिन है ।

2. इसमें आधार तथा चालू वर्ष दोनों की कीमत व मात्रा की आवश्यकता होती

3. यह व्यावहारिक सूचकांक सूत्र नहीं है

4. यह सूत्र चक्रीय परीक्षण को सन्तुष्ट नहीं करता है ।


164 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )

क्रियात्मक प्रश्न (Practical Questions )

प्रश्न 198. निम्नलिखित आंकड़ों से 1988 को आधार मानकर सभी वर्षों के मूल्यानुपात (सरल सूचकांक ) ज्ञात कीजिएवर्ष (Year) : कीमत (रुपये में) [Price (in Rs.)] : Calculate Price Relatives (Simple Index Number) based on 1988 for all the years from the following data: 1988 1989 1990 1991 1992 1993 120 140 150 165 175 240

हल (Solution) :

वर्ष 1988 5 माना तथा इनके संगत कीमतों को Pp Pp, Pa, Pa, Pa, P, मान लिया । इस प्रकार वर्ष 1988 की कीमत Po 120, . 1988 को आधार वर्ष मानकर चालू वर्ष का कीमत सूचकांक 1989 1990 1991 1992 1993 को क्रमश: 0, 1, 2, 3, 4, T

चालू वर्ष की कीमत

आधार वर्ष (1988) की कीमत गणना तालिका एवं संकेतन

वर्ष

कीमत

x 100

1988

0 120

प्रक्रिया 1988 100

Po

1989 1.

140

P,

1990 2

150

Po

100 (माना )

P2

3 165

P2.

1991

P:3

सूचकांक आधार 1988

Pr

* x 100

1992

140

175

– x 100

120

116.7

125.0

PA

x100=

Po

P3

– x 100

Po

150

4

120

1993 5

240

165

*x 100 –

x100

P4.

120

137.5

175

•×100 =

-×100

145.8

Po

120

240

P6x100 =

200

Po

Po

-×100

120

प्रश्न 139. निम्नलिखित आंकड़ों से भारित मात्रा सूचकांक ज्ञात कीजिए।

Construct weighted quantity index for the following data.

A B C वस्तु (Commodity) 15 20 10 16 22 20 उत्पादित मात्रा (Quantity Produced) 1985 1990 1991 17 24 30 मूल्य (Pricc) 1985 25 75 60


हल (Solution) :

सूचकांक / 166

1991 तथा 1992 के लिए भारित मात्रा सूचकांक की गणना करने हेतु लैस्पियरे सूत्र का प्रयोग करें। 1986 को आधार वर्ष मानकर 1986 के मूल्यों को भार माने ।

1985 9 1990 9, 1991 q2 1985 17 24 30 वस्तु A योग 15 20 10 16 22 20 25 60 4, P 375 1,500 600 2,475 9 Po 400 1,650 1,200 3,250 4 Po 1,800 1,800 4,025 425

Eqypo 1Q1 = Eqopo

x 100 =

3,250 2,475

* 100

Eqgpo Quz = Eqopo –

= 131.31

× 100 H

4,025

2,475

x 100

162.63

प्रश्न 140. निम्न आंकड़ों से पाशे कीमत सूचकांक परिकलित कीजिए। Calculate Pasche’s price index from the data given below.

मद (Items) A B C D E वस्तु A B C D E F योग प 20 3 2 1 PPo = मात्रा इकाई में (Qty. in units) 1995 8 20 ܗ ܚ ܬ 5 3 2 1 EPAL 2p091 1995Pg 25 15 18 12 8 4 x 100 = 835 646 1996p, 30 20 25 15 10 5 25 15 18 12 8 4 कीमत रुपये प्रति इकाई (Price Rupees per unit) 1995 1996 P, 9, 240 400 125 45 20 5 835 x 100 = 129.26 30 20 25 15 10 5 Pog. 200 300 90 36 16 4 646

हल (Solution) :

1


166 / बशराज सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )

प्रश्न 141. नीचे दिए गए आंकड़ों से 1997 के लिए पाशे कीमत सूचकांक तथा पा मात्रा सूचकांक परिकलित कीजिए। Calculate Fasche’s price index number and l’asche’s quantity in

dex number for 1997 from the data given below.

1997

(Commodity) हल (Solution) : वस्तु Y योग सूत्र : पाशे सूत्र 1996 Po 6.8 12.3 कुल व्यय (Total Expenditure) 163.2 196.8 वर्ष 1996 की मात्रा = वर्ष 1997 की कीमत 16 मात्रा = कीमत PP. 01 P: 7.3 15.0 = – 1997 Epiat पाशे कीमत सूचकांक = EP091 कुल व्यय कीमत 163.2 6.S कुल व्यय 219 30 मात्रा (Quantity) 9. 30 20 _P191 EP091 x 100 30 = 24 तथा = 7.3 तथा PQos Po91 204 246 450 519 450 = 3000 20 196.8 12.3 कुल व्यय (Total Expenditure) 219 300 _qhp1 IqoPi = 16 = 15 x 100 P,G, = 9,P, 219 300 519 x 100 = 115.33 175.2 240.0 415.2

पाशे मात्रा सूचकांक = 190P1

Equpt

x 100 =

519 415.2

x 100

= 125

प्रश्न 142. निम्न आंकड़ों से फिशर आदर्श सूत्र द्वारा 1985 के आधार पर 1995 का कीमत सूचकांक ज्ञात कीजिएFrom the following data find out price index number by Fishers Ideal Formula for 1995 based on 1985 :


सूचकांक / 167

वस्तु (Commodity) A B D कीमत (Price) 8 20 1986 (Quantity) 100 200 120 60 कीमत (Price) 20 12 1995 (Quantity) 120 240 150 50

हल (Solution) :

वस्तु

1985

1995

Po

१०.

P,

12

Polo

100

20

120 1,200

4

8

12

240

200

150

800

20

योग

24

960

लैस्पियरे सूत्र

1,440 2,000 2,400 960 800 960 1,200 1,440 1,800

50 1,200

1,000 1,440 1,200

4,160

4,600 5,680 6,360

Epai Epo90

x 100 =

B

पाशे सूत्र

P.. Pro P.9:

5,680 4.160

Mpj91 Epp91

x 100 = 136.5

x 100 =

x 100 = 138.3

6,360

4,600

फिशर आदर्श कीमत सूचकांक = √136.5 x 138.3 = /18, 877.95 = 137.397 = 137.4

प्रश्न 143. निम्न दिए हुए आंकड़ों से (i) लैस्पियरे सूत्र, (ii) पाशे सूत्र तथा (iii) फिशर सूत्र का प्रयोग करते हुए मात्रा सूचकांक परिकलित कीजिएGiven the following data, calculate quantity index numbers using (i) Laspeyre’s Formula (ii) Pasche’s Formula and (iii) Fisher’s Formula :

A B मद (Items) D E मूल्य (Price) 5 3 11 7 आधार वर्ष (Base year) HEI (Quantity) 50 100 30 चालू वर्ष (Current year) (Quantity) 56

=

=


188 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )

हल (Solution):

मद 0 463 09** 3 4 100 688 30 चालू वर्ष 6p 6 14 10 120 फिशर मात्रा सूचकांक, Fae. 24 36 M po91 लैस्पियरे मात्रा सूचकांक, 4 = 20090 [q1P1 पारो मात्रा सूचकांक, २० = [qoP1 250 560 500 280 300 480 400 360 240 360 360 240 330 336 420 264 280 360 400 252 1,400 2,096 2,080 1,396 = x 100 = x 100 = 2,096 2,080 x 100 = 100.8 V 99.7 x 100.8=√10,049.76 = 100.2 1,396 1,400 ★ 100 = 99.7

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

उत्तर144. भार देने की विशिष्ट विधियों के नाम लिखिए। Write the name specific methods of weighting. भार देने की कुछ विशिष्ट विधियाँ1. लैस्पियरे की विधि (Laspeyre’s Method) 2. पारो की विधि (Pasche’s Method) 3. मार्शल एजवर्थ की विधि (Marshal-Edgeworth’s Method) 4. डॉरविश बाउले की विधि (Dorbish-Bowlay’s Method) 5. fher and fafa (Fisher’s Method)

प्रश्न 145 सरल मूल्यानुपात माध्य रीति का सूत्र लिखिए।

Write the farmula of simple average of Price Relatives Method.

इस प्रकार के सूचकांक की रचना में सर्वप्रथम प्रत्येक वस्तु के P Po H में Po Relatives = R = Py x100 ज्ञात करने होते हैं। इसके लिए चालू वर्ष के मूल्य आधार वर्ष के मूल्य का भाग देकर 100 से गुणा करते है। इन मूल्यानुपातों के योग में वस्तुओं की संख्या का भाग दे देते हैं। प्राप्त परिणाम हो निर्देशांक होता है। x100 सूत्रानुसार- सूचकांक (Index Number) N यहां, N= वस्तुओं की संख्या (Number of items) मूल्यानुपाति


सूचकांक / 169

प्रश्न 146. सरल समूही रीति के बारे में बतलाइए।

Describe about simple aggregative method. सरल समूहों रीति में चुनी हुई विभिन्न वस्तुओं के मूल्य प्रति इकाई में दिये होते हैं। आधार वर्ष और चालू वर्ष की सभी वस्तुओं के मूल्यों का अलग-अलग योग ज्ञात कर लेते हैं। चालू वर्ष के योग में आधार वर्ष के योग का भाग देकर प्राप्त संख्या को 100 से गुणा कर दिया जाता है। इस सूचकांक द्वारा वर्तमान वर्ष के कुल मूल्य की तुलना आधार वर्ष के कुल मूल्य से की जाती है। इस प्रकार के सूचकांक की रचना सरल है तथा इनका समझना भी आसान है। परन्तु वस्तुओं को मात्रा पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता तथा मूल्य मी वस्तुओं की इकाई के लिए होते हैं, अतः ये तुलनीय नहीं होते हैं। यदि इकाई बदल दी जाये तो सूचकांक का नान बदल सकता है।

सूत्रानुसार- सूचकांक (Index Number) Pot – या Ios = Στο x 100

यहां, Py = चालू वर्ष का मूल्य (Prices of the Current year) Pg = आधार वर्ष का मूल्य (Prices of the Base year) Po1 = आधार वर्ष (0) की कीमत के आधार पर चालू वर्ष (1) का कीमत

सूचकांक ।

प्रश्न 147. सूचकांक की परिभाषा दीजिए।

Give the definition of Index Number. उत्तर- किनले (Kinley) के अनुसार, “सूचकांक वह अंक है जो किसी पूर्व निश्चित तिथि को चुनी हुई वस्तुओं या वस्तु समूह की कीमतों का प्रतिनिधित्व करता है तथा उसे प्रमाणित मानते हुए किसी बाद की तिथि पर उन्हीं वस्तुओं की कीमत से तुलना करता है।”

प्रश्न 148. सूचकांकों की रचना के समय ध्यान देने योग्य बातें कौनसी हैं ? Which points to remember while constructing Index Numbers.

उत्तर1. सूचकांक का उद्देश्य (Purpose of index number),

2. आधार काल का चुनाव (Selection of the base period), 3. वस्तुओं का चुनाव ( Selection of the commodities), इसकी मुख्य बातें हैं—

(i) वस्तुओं की संख्या का निर्धारण (Determination of number of commodities).

(ii) कौन-कौनसी वस्तुएँ सम्मिलित की जाये (Which commodities are to be included).

(iii) वस्तुओं का वर्गीकरण (Classification of commodities),

4. वस्तुओं की कीमतों का चुनाव (Selection of prices of commodities),

5. भार देने का ढंग (System of weighting),

6. माध्य का चुनाव ( Selection of the average) |


170 / यशराज : सांख्यिकी (बी. ए. तृतीय वर्ष )

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions )

सही विकल्प चुनकर लिखिए

1. सरल समूही विधि द्वारा सूचकांक ज्ञात करने का सूत्र

x 100

(अ) Po,

x 100

(ब) P,

Po

EP14L

(स) Po1

fed

Po

Epolli x 100

(द) Por

(स) रोनाल्ड फिशर

P:9o.

x 100

निम्नलिखित व्यक्तियों में से कौनसा सूचकाक के (अ) बॉठले (ब) मार्शल

2 Polo

क्षेत्र से सम्बन्धित नहीं है.

(द) इर्विन फिशर

यदि लैस्पियरे सूचकांक 121 तथा पाशे सूचकांक 144 हो तो फिशर सूचकांक होगा

(अ) 137.5

(स) 321

सूचकांक के लिए लैस्पियरे का सूत्र है

(अ) 910 ΣΤΡΟ

(ब) 213.8

(द) 132

x 100

Ep (9091)

Epigo Epolo

(ब)

x 100

Epi(go +91) Epo (90 + 91)

(स)

x 100

2P0 (1091)

समय उत्क्राम्यता परीक्षण सन्तुष्ट होता है यदि

5.

(अ) Po1 (स) Po1 x P. > 100% चक्रीय परीक्षण को सन्तुष्ट करता है01 10

x P, 100 10 1

(द)

(द) Px P

6.

(अ) पाशे सूचकांक ( Pasche Index)

10

(ब) लैस्पियरे सूचकांक (Laspeyre Index) (स) फिशर सूचकांक (Fisher Index) (द) इनमें से कोई नहीं (None of these )

Po1 x Con = FP191 सूत्र सम्बन्धित है201 – =

7.

8. (अ) समय उत्क्राम्यता परीक्षण से (Time Reversal Test) (ब) तत्व उत्क्राम्यता परीक्षण से (Factor Reversal Test) (स) चक्रीय परीक्षण से (Circular Test) (द) इनमें से कोई नहीं (None of these ) कीमत सूचकांक निकालने में आधार की कीमत को माना जाता है(अ) 100 (ब) 200 (स) 300 (द) 400

उत्तर- 1. (ब), 2 (स), 3 (द), 4. (ब), 5. (ब), 6. (द), 7. (ब), 8. (अ)

01

1002

(ब) Po1 x Pj

10

10

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